GST से छूट चाहती है भारतीय सेना, सुरक्षा और लगातार ठिकानों में बदलाव का दिया हवाला

नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद से भारतीय सेना को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि सेना ने भारतीय सरकार से कहा है कि उन्हें गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से बाहर रखा जाए. सेना के एक उच्च अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सेना ने सरकार से इसको लेकर अपील दे दी है और इस मुद्दे को बड़ी गंभीरता से उठाया है.

टैक्स के नये नियमों के मुताबिक 2.5 लाख से ऊपर की हर खरीददारी पर GST लगाने का प्रावधान है. सेना के सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की यूनिट्स लगातार अपने ठिकानों में बदलाव करते रहती है. भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार ऐसे में उसे GST के लिए हर बार अलग से रजिस्टर करवाना पड़ता है क्योंकि वह राज्य आधारित है.  सेना के सूत्र ने बताया कि ऐसे में उसे हर बार जब तक नया रजिस्ट्रेशन न हो कोई स्थानीय खरीददारी नहीं हो सकती है.

सेना बदलते रहती है लोकेशन

सूत्र के अनुसार भारतीय सेना के यूनिट हर दो साल और कभी-कभी हर साल अपने ठिकानों में बदलाव करती है. साथ ही ऑपरेशनल कारणों की वजह से कई यूनिट्स राजधानी में तैनात न होकर राज्यों की सीमा में तैनात होती हैं. ऐसे में इससे अकाउंटिंग और प्रशासनिक दिक्कतें आती हैं.

ठिकानों का पता चलने का खतरा

यूनिट के एक जगह से दूसरे जगह जाने पर सिर्फ रजिस्ट्रेशन करना ही एक दिक्कत नहीं है. ज्योग्राफी और लोकेशन आधारित GST रजिस्ट्रेशन होने की वजह से यूनिट की कई जानकारी उसमें चली जाती है. इससे सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो सकता है. सूत्र के अनुसार ऐसे में सेना अपनी डिप्लॉयमेंट डिटेल्स और ज्योग्राफिक लोकेशन साझा करने में अच्छा महसूस नहीं कर रही है.

सेना ने दिए दो विकल्प

सूत्र के अनुसार सेना ने सरकार को दो विकल्प दिए हैं. एक उन्हें GST से बाहर किया जाए. दूसरा प्रिंसिपल कंपट्रोलर डिफेंस अकाउंट्स (PCDA) को सेना की ऑडिट और अकाउंट मैनेज करने का जिम्मा सौंपा जाए. GST के तहत PCDA को रजिस्टर किया जाए और उस रजिस्ट्रेशन पर सेना के यूनिट्स खरीददारी करे.

 

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