HDFC बैंक के ग्राहकों का बड़ा फायदा, इस ‘स्कीम’ पर अब मिलेगा ज्यादा ब्याज

नई दिल्ली। HDFC बैंक के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. बैंक अब फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ज्यादा ब्याज देगा. भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के बाद HDFC बैंक ने यह फैसला लिया है. अब एफडी पर 60 बेसिस प्वाइंट यानी 0.60 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा. एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार संशोधित ब्याज दरें 6 अगस्त से लागू हो गई हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी से लोन की ब्याज दरों पर भी दबाव बनेगा. बैंक ने छह महीने से लेकर पांच साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. छह महीने से नौ महीने के फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 0.40 फीसदी बढ़ाकर 6.75 फीसदी की गई है.

1 करोड़ से कम जमा पर बढ़ाई दरें
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद एचडीएफसी बैंक ने भी फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) की ब्याज दरों में बदलाव किया गया है.  बैंक ने ब्याज दरों में 60 बेसिस पाइंट की बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोतरी बैंक ने एक करोड़ रुपए से कम जमा करने वाले रिटेल निवेशकों के लिए है.

नई दरें आज से हुईं लागू
बैंक की वेबसाइट पर दी गई सूचना के अनुसार तीन महीने से कम की एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है. एफडी की ब्याज दरों में 10 बीपीएस से लेकर के 60 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई है. 6 अगस्त 2018 से बैंक के ग्राहकों को इस दर से ब्याज मिलेगा.

6 महीने से 5 साल के बीच FD पर कितना ब्याज
बैंक ने छह महीने एक दिन से पांच वर्षों के बीच परिपक्वता वाले अवधि जमा (टर्म डिपॉजिट) पर ब्याज दर में बढ़ोतरी की है. छह से नौ महीने की परिपक्वता वाली जमा पर 6.75 फीसदी का ब्याज मिलेगा, जो पहले की तुलना में 0.40 फीसदी अधिक है.

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1 साल से कम फिक्स्ड डिपॉजिट पर कितना बयाज
नौ महीने तीन दिन की लंबी अवधि से लेकर एक साल से कम अवधि की परिपक्वता वाले डिपॉजिट पर ब्याज दर 0.60 फीसदी बढ़ाई गई है, जबकि एक साल की परिपक्वता वाले डिपॉजिट पर ब्याज दर 0.40 फीसदी बढ़ाकर 7.25 फीसदी की गई है.

दो साल से ज्यादा पर कितना फायदा
दो साल एक दिन से लेकर पांच साल की अवधि के सावधि जमा के लिए ब्याज दर को 0.10 फीसदी बढ़ाया गया है. आपको बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता के मद्देनजर, पिछले सप्ताह रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था. महंगे तेल की वजह से जून में खुदरा महंगाई पांच फीसदी रही, जो पांच महीने का शीर्ष स्तर है.

 

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