INX मीडिया मामला: कोर्ट में पेश हुए कार्ति चिदंबरम, मीडिया के सवालों पर रहे मौन

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की गुरुवार (1 मार्च) को कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट में पेशी के दौरान जाते वक्त कार्ति चिदंबरम मीडिया से सवालों से बचते हुए नजर आए. इससे पहले बुधवार को सीबीआई के कार्ति के लिए 15 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 1 दिन के लिए ही मंजूरी दी थी. सीबीआई द्वारा आईएनएक्स मीडिया मामले में बुधवार (28 फरवरी) को कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी प्राथमिकी दर्ज करने के नौ महीने बाद हुई और इस दौरान कानूनी लड़ाई चली जिसमें जांच एजेंसी ने मद्रस उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक मामले में दलीलें रखीं थी.

मामला कथित तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति से जुड़ा है. मामला सबसे पहले उच्चतम न्यायालय तब पहुंचा था जब सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ जारी दो लुकआउट सर्कुलरों पर मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश को चुनौती दी थी.

सीबीआई ने मांगी थी 15 दिन हिरासत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति को 15 दिन हिरासत में दिए जाने का आग्रह करते हुए सीबीआई के वकीलों ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट सुमित आनंद के समक्ष दलील दी थी कि कार्ति ने जांच में सहयोग नहीं किया था और वह लगातार विदेश की यात्राएं कर रहे हैं, जिससे सबूतों के साथ उनके और अन्य के द्वारा छेड़छाड़ की आशंकाओं की पुष्टि होती है.

कार्ति को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि दी गई थी- CBI
सीबीआई अभियोजकों वी के शर्मा और पद्मिनी सिंह ने दलील दी कि कार्ति को गिरफ्तार किए जाने का एक और आधार यह है कि एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया (पी) लिमिटेड की पूर्व निदेशक इंद्राणी मुखर्जी के 17 फरवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किए थे. इंद्राणी ने अपने बयान में कहा था कि यहां हयात होटल में आईएनएक्स मीडिया की तरफ से कार्ति को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि दी गई थी.

सीबीआई की दलीलों का विरोध करते हुए कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम सिंघवी ने कहा कि यह एक बेतुका मामला है और गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बनता है.उन्होंने दलील दी कि कार्ति को सीबीआई ने पिछले वर्ष दो बार 23 अगस्त और 28 अगस्त को तलब किया था और एजेंसी ने उनसे 22 घंटों तक पूछताछ की थी और इस दौरान कार्ति ने सभी सवालों के जवाब दिए थे.सिंघवी ने कहा कि दो दिनों के बाद, कार्ति को सीबीआई की तरफ से एक बार भी नहीं बुलाया गया. 180 दिन की चुप्पी के बाद वे कहते हैं कि कार्ति सहयोग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तारी के लिए कोई कारण नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि आप (सीबीआई) अपने बॉस को दिखाना चाहते हैं कि आप कुछ काम कर रहे हैं.

 

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