ISIS की रिक्रूटर का खुलासा-दिल्ली, मुंबई में बैठे हैं इस्लामिक स्टेट के हमदर्द

afshaतहलका एक्सप्रेस
नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट के लिए ऑनलाइन रिक्रूटमेंट करने की आरोपी अफशां जबीन ने पूछताछ में बताया है कि भारत में आईएसआईएस के लिए हमदर्दी रखने वाले और उसकी विचारधारा को फैलाने वाले कम से कम नौ एक्टिव मेंबर्स हैं। ये लोग दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कश्मीर में बैठे हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अफशां ने आईएसआईएस ज्वाइन करने की मंशा जताने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी दी है। जिन लोगों के बारे में उसने बताया है, इंटेलिजेंस एजेंसियां उन पर पैनी नजर रखी हुई हैं।
अफशां ने क्या बताया
>अफशां ने अपने फेसबुक ग्रुप “Islam Vs Christianity, a friendly discussion” के छह एडमिनिस्ट्रेटर और 14 एक्टिव मेंबर्स की जानकारी दी है। ये सभी भारत और विदेश में बैठे लोग हैं।
>एक्टिव मेंबर्स में मुंबई के दो लोग, दिल्ली के दो स्टूडेंट, बेंगलुरु और कश्मीर के दो-दो लोग हैं। मुंबई में दो में से एक अलकायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट का समर्थक माना जाता है। वहीं, ग्रुप से जुड़ा बेंगलुरु का एक शख्स केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है। ग्रुप की एडमिनिस्ट्रेटर में मुंबई की एक महिला भी शामिल है।
>अफशां ने इनके अलावा जिन लोगों के बारे में बताया है, उनमें से सबसे अहम नाम है हसन अब्दुल घानी, जो इराक के मोसुल का रहने वाला है। एजेंसियों ने इसकी पहचान आईएसआईएस के आतंकी के तौर पर की है।
>अफशां के मुताबिक, उसके ग्रुप के सभी एडमिनिस्ट्रेटर आईएसआईएस के बहुत बड़े सपोर्टर हैं। उसने 2013 में निकी जोसफ के नाम से फेसबुक पेज बनाया था, जिसका मकसद ईसाइयों को इस्लाम की ओर खींचना था। इसके 50 हजार तक मेंबर्स भी बन गए। हालांकि, 2014 में फेसबुक ने इस ग्रुप को ब्लॉक कर दिया। इस महिला ने कुछ गैर मुस्लिमों का धर्मांतरण करवाने की बात भी कबूली है।
कौन है अफशां जबीन?
>38 साल की अफशां को बीते महीने ही यूएई से डिपोर्ट किया गया है। उस पर आईएसआईएस से जुड़ी एक्टिविटीज में शामिल होने का आरोप लगा था। फिलहाल वह हैदराबाद के साइबराबाद पुलिस की गिरफ्त में है।
>अफशां हैदराबाद के एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती है। उसकी शादी एक हिंदू रियल एस्टेट डीलर से हुई है। उसकी तीन बेटियां हैं। वह कुछ वक्त पहले तक दुबई में रह रही थी।
>इंटरनेट पर धार्मिक लिटरेचर की तलाश में वह सलमान मोहीउद्दीन से जुड़ी। सलमान एक केमिकल इंजीनियर था, जो अमेरिका से हैदराबाद लौटा था।
>सलमान और अफशां पर आरोप है कि उन्होंने युवा मुस्लिमों का ब्रेनवॉश करने और उन्हें आईएसआईएस के लिए रिक्रूट करने के लिए कई ऑनलाइन ग्रुप चलाए।
>सूत्रों के मुताबिक, सलमान अफशां को दुबई में रह रही ब्रिटिश नागरिक निक्की उर्फ निकोल जोसेफ के तौर पर जानता था। सलमान तुर्की के रास्ते सीरिया जाकर आईएसआईएस ज्वाइन करने वाला था। दुबई जाने वाली फ्लाइट पर चढ़ने से पहले उसे अरेस्ट कर लिया गया था।
मोदी सरकार भले ही यह कह रही हो कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) का देश के यंगस्टर्स पर बेहद कम असर है, लेकिन हाल ही में किया गया एक सर्वे इससे अलग तस्वीर पेश कर रहा है। सर्वे से पता चला है कि देश के यंगस्टर्स इस आतंकी संगठन की गतिविधियों पर बेहद करीब से नजर रख रहे हैं। इसके अलावा, संगठन की सोशल मीडिया एक्टिविटीज में भी हिस्सा ले रहे हैं। आईएसआईएस के कंटेंट के लिए राज्यों में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से आ रहा है। वहीं, मुंबई ऐसा पांचवां शहर है, जहां से आईएसआईएस का कंटेंट सर्च किया जा रहा है।
छोटे शहरों से ज्यादा ट्रैफिक
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, एक इंटेलिजेंस एजेंसी ने नेशनल सर्वे किया। सर्वे के मुताबिक, आईएसआईएस से जुड़े प्रोपेगैंडा कंटेंट के लिए सबसे ज्यादा ट्रैफिक बड़े शहरों से नहीं, बल्कि यूपी के उन्नाव और महाराष्ट्र के चिंचवड़ जैसे छोटे कस्बों से आ रहा है। किसी दूसरे राज्य के मुकाबले यूपी के सबसे ज्यादा कस्बों और शहरों में आईएसआईएस से जुड़ा कंटेंट युवाओं को लुभा रहा है। सर्वे के मुताबिक, आईएस से रिलेटेड सोशल मीडिया एक्टिविटी में दिलचस्पी दिखाने वालों की उम्र 16 से 30 साल के बीच है। आईएस से जुड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया यूज को कैल्युकुलेट करने के लिए लोगों की फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब और गूगल पर एक्टिविटीज को सर्वे में शामिल किया गया।
बता दें कि सर्वे के आंकड़े आईएसआईएस से निपटने के मुद्दे पर बीते महीने हुई विभिन्न राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी की मीटिंग में रखे गए। यह मीटिंग होम मिनिस्ट्री ने बुलाई थी। आईएसआईएस से जुड़ा सोशल मीडिया कंटेंट जम्मू-कश्मीर में पोलराइजेशन की अहम वजह बन गया है। बीते कुछ महीने से वहां आईएसआईएस के झंडे कई बार लहराए जा चुके हैं।
आईएसआईएस से जुड़ा कंटेंट सर्फ करने के मामले में सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले राज्य
1. जम्मू-कश्मीर
2. असम
3. यूपी
4. महाराष्ट्र
5. पश्चिम बंगाल
…………………………..
टॉप शहर
1. श्रीनगर
2. गुवाहाटी
3. चिंचवड़
4. हावड़ा
5. मुंबई
6. उन्नाव
…………………………..
>भारत में आईएसआईएस से जुड़ा कंटेंट सर्फ करने में टॉप पांच शहरों में सिर्फ एक महानगर मुंबई है।
>आईएस से जुड़ा कंटेंट न सिर्फ पुरुषों और महिलाओं को, बल्कि सभी तरह के एजुकेशनल और सोशल बैकग्राउंड के लोगों को लुभा रहा है।
>साउथ एशिया में आईएसआईएस से जुड़े कंटेंट देखने के लिए सबसे ज्यादा ट्रैफिक पाकिस्तान से आता है।
आईएसआईएस से भारत को कितना खतरा है?
1. पहले ही आगाह कर चुके थे एनएसए डोभाल
नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने पिछले साल नवंबर में ही आगाह कर दिया था कि पीओके के मामले में सरकार को रणनीतिक नजरिया अपनाना चाहिए। वहां आतंकियों के बढ़ रहे मूवमेंट के मद्देनजर इसके नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। डोभाल ने एक लीडरशिप समिट में कहा था, “देश के किसी भी धार्मिक मुस्लिम नेता ने आईएसआईएस का सपोर्ट नहीं किया है। सभी ने आईएस और अल कायदा के खिलाफ फतवे जारी किए हैं। आईएसआईएस और अल कायदा देश में आतंकी हमले कर हिंसा फैला सकते हैं, लेकिन हमारा देश इतना मजबूत कि वह ऐसे संगठनों से निपट लेगा।
2. लेकिन राजनाथ सिंह को लगता था- आईएस से देश को खतरा नहीं है
मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जयपुर में कहा था कि देश में आईएसआईएस का असर नहीं है। भारतीय मुस्लिम युवकों को आकर्षित करने में आईएसआईएस नाकाम रहा है।
3. एनआईएभी कह चुकी है- भारत के खिलाफ साजिश रच सकता है आईएसआईएस
मुंबई के कल्याण से भागकर आईएसआईएस में शामिल होने गए अरीब मजीद के खिलाफ मई में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दायर की थी। इसमें एनआईए ने कहा था कि हो सकता है कि आईएस आने वाले समय में भारत विरोधी आतंकी समूहों से रिश्ते बढ़ा ले। आईएस यह साजिश रच रहा है कि कैसे भारतीय युवकों और एनआरआई लोगों को संगठन से जोड़कर इराक-सीरिया के साथ भारत और अन्य एशियाई देशों में आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाए।
4. भाजपा सांसद को ही मिली आईएसआईएस की धमकी
जून में भाजपा सांसद तरुण विजय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजी शिकायत में कहा कि उन्हें जिहाद के खिलाफ लेख लिखने के लिए आईएसआईएस से जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने कहा था कि उनकी ईमेल आईडी 15 दिन में दो बार हैक हो गई थी। इसी में उन्हें धमकी मिली।
5. एक्शन प्लान बना रही है सरकार
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जून के आखिर में ही गृह मंत्रालय में सेक्रेटरी एल.सी. गोयल ने स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्युरिटी) अशोक प्रसाद को एक नोट भेजा। इसमें उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवक तेजी से कट्टरपंथ की तरफ जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए, ताकि जाहिर तौर पर और खुफिया तरीके से अभियान चलाया जा सके। इसकी वजह यह है कि आईएसआईएस के कारण जम्मू-कश्मीर में खतरा बढ़ गया है।
6. कश्मीर में लहरा चुके हैं आईएस के झंडे
जम्मू-कश्मीर में इस साल कई मौकों पर आईएसआईएस के झंडे देखे गए हैं। बताया जाता है कि आईएस के झंडे रखने वाले 11 युवकों को सर्विलांस पर रखा गया है।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button