जानिए कौन हैं डॉ. अनिल कुमार मिश्रा, जिन्होंने बनाई कोरोना वायरस की 2-डीजी दवा

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बेटे डॉ. अनिल कुमार मिश्रा (Dr Anil Kumar Mishra) की कोरोना वायरस (Coronavirus) की 2-डियोक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा इस समय पूरे देश में सुर्खियों में है।

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बेटे डॉ. अनिल कुमार मिश्रा (Dr Anil Kumar Mishra) की कोरोना वायरस (Coronavirus) की 2-डियोक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा इस समय पूरे देश में सुर्खियों में है। दरअसल क्लिनिकल परीक्षण के मुताबिक यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के तेजी से ठीक होने में काफी मदद करती है।

इसके अलावा मरीजों की अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करती है। इस दवा को बनाने में डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने अहम भूमिका निभाई है। डॉ. अनिल मिश्र के दावे के मुताबिक 2-डीजी दवा करोना संक्रमित बच्चों को भी दी जा सकती है। इस दवा से बच्चे भी जल्द ठीक हो रहे हैं। डीसीजीआई (DCGI) ने क्लीनिकल ट्रायल के बाद डीआरडीओ (DRDO) की इस कोविड रोधी दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। डीआरडीओ ने इस दवा को डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर तैयार किया है।

कोरोना मरीजों के लिए इस तरह की गेमचेंजर दवा बनाने वाले डॉ. अनिल मिश्रा का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया (Balia, Uttar Pradesh) जिले में हुआ था। उन्होंने साल 1984 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से M.Sc. और साल 1988 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से रसायन विज्ञान विभाग से PhD किया। इसके बाद वह फ्रांस के बर्गोग्ने विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रोजर गिलार्ड के साथ तीन साल के लिए पोस्टडॉक्टोरल फेलो रहे। फिर वे प्रोफेसर सी एफ मेयर्स के साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भी पोस्टडॉक्टोरल फेलो रहे। डॉक्टर एके मिश्रा 1994 से 1997 तक INSERM, नांतेस, फ्रांस में प्रोफेसर चताल के साथ अनुसंधान वैज्ञानिक भी रहे।

इसके बाद साल 1997 में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में डॉ. अनिल मिश्रा डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज में शामिल हुए। वह 2002 से 2003 तक जर्मनी के मैक्स-प्लैंक इंस्टीट्यूट में विजिटिंग प्रोफेसर और INMAS के प्रमुख भी रहे। डॉ. अनिल मिश्र इस समय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साइक्लोट्रॉन और रेडियो फार्मास्यूटिकल साइंसेज डिवीजन में काम कर रहे हैं। डॉ. अनिल रेडियोमिस्ट्री, न्यूक्लियर केमिस्ट्री और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में रिसर्च करते हैं। उनकी वर्तमान परियोजना ‘आणविक इमेजिंग जांच का विकास’ है।

कौन हैं डॉ. अनिल मिश्र हैं
डॉ. अनिल मिश्र बलिया के सिकंदरपुर के मिश्रीचक गांव से आते हैं। स्वर्गीय श्री विजय शंकर मिश्रा और सुशीला मिश्रा के घर जन्मे, डॉ. 1984 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एम.एससी और 1988 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान विभाग से पीएचडी की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे फ्रांस के बर्गोग्ने विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रोजर गिलार्ड के साथ तीन साल के लिए पोस्टडॉक्टोरल फेलो थे। कुछ दिन तक वो प्रोफेसर सी एफ मेयर्स के साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भी पोस्टडॉक्टोरल फेलो रहे।

वे 1994- 1997 तक INSERM, नांतेस, फ्रांस में प्रोफेसर चताल के साथ अनुसंधान वैज्ञानिक रहे। बता दें कि अनिल मिश्र को 1999 में भारत के प्रधानमंत्री से DRDO के सबसे युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित होने का भी गौरव हासिल है। बता दें डॉ. अनिल मिश्र वर्तमान में फिर से डीआरडीओ में वरिष्ठ वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत हैं अनिल रेडियोमिस्ट्री, न्यूक्लियर केमिस्ट्री और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में रिसर्च करते हैं। उनकी वर्तमान परियोजना ‘आणविक इमेजिंग जांच का विकास’ है।

Report-S.Asif Hussain zaidi

 

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