इन चीजों की कमी से हो सकती है टीबी
प्रदूषण का खतरा दिन पे दिन बढ़ता जा रहा है। बढ़ता प्रदूषण कहीं न कहीं हमारे शरीर कई हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
प्रदूषण का खतरा दिन पे दिन बढ़ता जा रहा है। बढ़ता प्रदूषण कहीं न कहीं हमारे शरीर कई हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को तरह-तरह की बीमारी भी हो रही है उन्हीं बीमारी में एक बीमारी टीबी भी है। वहीं कोरोना के संक्रमण के बीच इसका खतरा और बढ़ता जा रहा है।
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टीबी का संचरण संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ लोगों में हवा के माध्यम से होता है। जिसे दवाओं से जरिए दूर किया जा सकता है। टीबी को हम ट्यूबरकुल बेसिलाइ के नाम से भी जानते है। कहा जाता है कि, टीबी उन बीमारीयों में एक है जिसे समय रहते न रोका गया तो वो जानलेवा भी साबित हो सकती है। टीबी व्यक्ति को धीरे-धीरे मार देती है।
क्या है टीबी
टीबी बैक्टीरिया का गंभीर संक्रमण है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करने के साथ शरीर के अन्य हिस्सों जैसे आंत, रीढ़ की हड्डी, गर्दन और ब्रेन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। किसी भी टीबी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिसकी वजह से हवा में बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं और आस- पास मौजूद स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में तरह- तरह के रोग फैला सकते है।
टीबी कैसे होती है
आस पास के वातावरण में साफ सफाई न होने की वजह से भी टीबी का खतरा होता है। टीबी की जानलेवा बीमारी कुपोषण की कमी की वजह से भी हो सकती है। सिगरेट और एल्कोहॉल पीने से भी लोग टीबी से संक्रमित हो सकते है।
टीबी के लक्षण
अगर किसी भी व्यक्ति को लगातार खांसी, कफ के साथ खून आना रहा है तो उसे तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाने चाहिए। भूख न लगना, तेज़ी से वज़न घटना, सीने में दर्द, थकान, सुस्ती, बेवजह पसीना आना, गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द ये सब टीबी के शुरुआती लक्षण होते है।
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