LG से मुलाकात के बाद बोले केजरीवाल- खुशी की बात LG साहब सहयोग देंगे लेकिन…

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. कोर्ट ने एलजी को सरकार की सलाह पर काम करने को कहा है. इस फैसले के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) अनिल बैजल के घर उनसे मिलने पहुंचे. मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, खुशी की बात ये है कि LG साहब हमें सहयोग देने के लिए तैयार हैं.

अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल से 25 मिनट तक मुलाकात की और उसके बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की. केजरीवाल ने कहा, ‘4 जुलाई को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया और हमारी शक्तियां तय कर दी. अभी हम LG साहब से मिले, खुशी की बात ये है कि LG साहब हमें सहयोग देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि उनको फाइल भेजना जरूरी नहीं है.’

सर्विस के मामले में सहयोग को तैयार नहीं एलजी

केजरीवाल ने कहा, ‘इस वजह कई सारे कामों में तेजी आएगी. यह लंबित फाइलों के लिए भी अच्‍छा है. लेकिन सर्विस के मामले में एलजी साहब सहयोग करने को तैयार नहीं हैं, उनका कहना है कि एमएचए की नोटिफिकेशन अभी जारी है. ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने में केंद्र सरकार ने मना कर दिया हो. ऐसी स्थिति बनी रही तो देश मे बहुत अराजकता फैल जाएगी.’

केजरीवाल ने आगे कहा, ‘देश का छोटा-मोटा आदमी अगर अवमानना करे तो देखा जा सकता है, यहां सुप्रीम कोर्ट की अवमानना केंद्र सरकार कर रही है. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन विषयों (लॉ एंड ऑर्डर, जमीन और पुलिस) को छोड़कर बाकी सारी पावर दिल्ली सरकार के पास होगी तो इस पर LG साहब क्यों इंकार कर रहे हैं?’

केजरीवाल ने कहा, ‘ये दिल्ली सरकार को ठप करने की साजिश है जो पिछले 3 साल से चल रही थी. अब यह जनता के सामने है कि कैसे कोर्ट के आदेश को केंद्र सरकार के प्रतिनिधि LG मना कर रहे हैं.’

केजरीवाल ने कहा, ‘केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार विपक्षी पार्टियां हैं. केंद्र सरकार नहीं चाहेगी कि दिल्ली सरकार अच्छा काम करें. अगर कोई अफसर अच्छा काम करेगा तो केंद्र सरकार उसका ट्रांसफर कर देगी. केंद्र सरकार ने खुलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार किया है. हम अपने विधिक सलाहकारों से संपर्क में हैं. सभी विकल्प खुले हैं. जो भी तय होगा आगे सूचित किया जाएगा.’

केजरीवाल ने बताया, ‘हम लोगों ने कई महीनों से रुके हुए राशन की डोर स्‍टेप डिलीवरी के प्रोजेक्‍ट को शुरू करने के लिए आदेश दे दिए हैं. हमने CCTV के रुके हुए प्रोजेक्ट को भी शुरू करने के आदेश दे दिए हैं.’

शिक्षा विभाग में फुल टाइम शिक्षा निदेशक नहीं: मनीष सिसोदिया

वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की बात पूरे देश मे हो रही है. लेकिन दिल्ली के शिक्षा विभाग में इस समय कोई फुल टाइम शिक्षा निदेशक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद में भी हमें अपॉइंटमेंट नहीं करने दिया जा रहा.’

मनीष सिसोदिया ने बताया बतौर फाइनेंस मिनिस्‍टर उन्‍होंने दो बड़े फैसले लिए हैं-

1. सि‍ग्‍नेचर ब्रिज की आखिरी किश्त जारी कर दी गयी है और काम अक्टूबर तक हो जाएगा.

2. दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) का विस्‍तार किया जा रहा है. अब 2 नए एकेडमि‍क ब्‍लॉक बनाए जाएंगे जिससे तीन हजार और बच्चे पढ़ सकेंगे.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ही राज्य को चलाने के लिए जिम्मेदार है.

 

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