LIVE: येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के खिलाफ SC में कांग्रेस की अर्जी, CJI के निवास से कोर्ट तक गहमागहमी
नई दिल्ली। कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा बीजेपी नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस आज (बुधवार) रात को ही सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएंगे. अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘कांग्रेस ने कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज (बुधवार) रात सुनवाई की मांग की है.’ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को अर्जी दी है. कांग्रेस ने मांग की है इस मामले पर आज रात ही सुनवाई होनी चाहिए. कांग्रेस की अर्जी पर CJI फैसला करेंगे की रात को सुनवाई हो या नहीं. कांग्रेस ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट में जो अर्जी दी गई है उसमें कांग्रेस ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने के साथ-साथ राज्यपाल के फैसले को भी चुनौती दी है.
LIVE अपडेटः
– सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जजों के आने वाले गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात
– आधे घंटे से एडि.रजिस्ट्रार सीजेआई के घर में हैं, अभी भी फैसले का इंतजार है
– CJI चाहे तो सुप्रीम कोर्ट के दो जज इस मामले पर कोर्ट में ही सुनवाई के लिए कह सकते है.
– मुख्य न्यायाधीश चाहे तो इस मामले में अपने घर पर भी सुनवाई कर सकते है
– मुख्य न्यायाधीश निर्णय करेंगे कि इस पर अभी सुनवाई हो या कल सुनवाई हो
– सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार कांग्रेस की अर्जी को लेकर मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे है.
दरअसल गुरुवार सुबह 9 बजे राज्यपाल ने येदियुरप्पा को शपथ दिलाने का समय दिया है. इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम अमित शाह जी से जानना चाहते हैं कि अगर दो दल चुनाव के बाद गठबंधन के लिए साथ नहीं आ सकते तो आपने गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी को किनारे कर कैसे सरकार बना ली? सुरजेवाल ने कहा कि कि राज्यपाल ने अपने पद को शर्मसार किया है. वहीं जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा है, ‘हम इसे ऐसे ही नहीं जाने देंगे, हम इसका सामना करेंगे. मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर रही है ‘
We want to ask Amit Shah ji that if two parties cannot come together in post poll coalition, then how did you form govts in Goa & Manipur by superseding single largest party? Guv has shamed his office: Randeep Surjewala, Cong in Delhi on #Karnataka Guv inviting BJP to form govt pic.twitter.com/qUCcM5gJex
— ANI (@ANI) May 16, 2018
कुमारस्वामी ने कहा, ‘गवर्नर द्वारा बीजेपी के 15 दिन का समय दिए जाने का मतलब विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने जैसा है. यह असंवैधानिक है. हम अपने अगले कदम के बारे में चर्चा करेंगे ‘
By giving 15 days time (to prove majority) Governor is encouraging horse-trading by BJP leaders, this is unconstitutional. We will discuss the future plan: HD Kumarasway, JD(S) on Karnataka Governor’s invite to BJP to form government #KarnatakaElectionResults2018pic.twitter.com/QjpPQdc34x
— ANI (@ANI) May 16, 2018
बता दें कि आज (बुधवार को) बीजेपी नेता मुरलीधर राव ने बेंगलुरु में मीडिया को बताया कि राजभवन से बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने की चिट्ठी मिल गई है. उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह 9 बजे येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राज्यपाल ने येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन तक का समय दिया है. मुरलीधर राव ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा लोकतंत्र का पालन किया है और हम बहुमत साबित करेंगे.
मुरलीधर राव ने मीडिया को बताया कि गुरुवार को होने वाले शपथ ग्रहण में अकेले येदियुरप्पा ही शपथ लेंगे. कोई और मंत्री उनके साथ शपथ नहीं लेगा. उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के बाद येदियुरप्पा सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण होगा. खबर है कि शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शामिल नहीं होंगे.
कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 112 सीटों की आवश्यकता है. लेकिन बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली है. सबसे बड़ा दल होने के नाते बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देते हुए बहुमत का दावा किया है. कांग्रेस जेडीएस के कुमारस्वामी को सीएम बनाने पर सहमत है और आज (बुधवार) कुमारस्वामी ने जेडीएस और कांग्रेस विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी.
इससे पहले आज (बुधवार को) दोपहर कुमारस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने राज्यपाल महोदय को 117 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है और सरकार बनाने का दावा पेश किया है. राज्यपाल ने भी उन्हें संविधान के मुताबिक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. जबकि येदियुरप्पा ने बुधवार को नतीजे आने के बाद ही राज्यपाल से मुलाकात की थी और सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया था. राज्यपाल ने दोनों ही पक्षों से मुलाकात करने के बाद संवैधानिक दायरे में रहकर निर्णय लेने की बात कही थी.
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