LoC पर PAK का सीज़फायर उल्लंघन जारी, बिगड़े हालात तो समझौता वापस लेगा भारत!

नई दिल्ली। पाकिस्तान की ओर से कुछ दिन पहले ही बॉर्डर पर सीजफायर समझौते का पालन कर शांति स्थापित करने का वादा किया गया था. लेकिन पाकिस्तान ने एक बार फिर वादाखिलाफी की है. रविवार शाम जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की गई. पाकिस्तान की इस हरकत से एक बार फिर 31 गांव और करीब 27 हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं. सवाल है कि एक ओर पाकिस्तान शांति की बात करता है तो वहीं दूसरी ओर खुद ही सीज़फायर का उल्लंघन करता है.

वापस होगा सीज़फायर समझौता?

पाकिस्तान की वादाखिलाफी को देखते हुए भारत ने भी कड़े फैसले लेने पर विचार करने शुरू कर दिए हैं. रविवार को केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि अगर पाकिस्तान सीमा पार से गोलीबारी और आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा तो सरकार रमजान के दौरान पिछले महीने घोषित संघर्षविराम के फैसले को वापस लेने पर मजबूर हो जाएगी.

अखनूर में शहीद हुए थे दो जवान!

आपको बता दें कि शनिवार शाम को ही पाकिस्तान की ओर से सीज़फायर तोड़ा गया था. अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी थी, इसमें बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए थे. सीमा पार से हुई गोलीबारी में बीएसएफ के ASI एस.एन. यादव और कॉन्स्टेबल वी.के. पांडे ने अपनी जान कुर्बान की थी. इसके अलावा करीब 12 नागरिक और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस का जवान भी पाकिस्तान की गोलीबारी में घायल हुआ था.

हुई थी डीजीएमओ लेवल की बात

मई महीने में पाकिस्तान की ओर से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर दोनों जगह पर भारी मात्रा में सीज़फायर का उल्लंघन किया गया था. इस दौरान कई आम नागरिकों की भी जान चली गई थी, जबकि करीब 1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया था. इसके बाद पाकिस्तान की सिफारिश पर दोनों देशों के बीच 30 मई को डीजीएमओ लेवल की बात हुई और 2003 का सीज़फायर समझौता लागू करने पर सहमति बनी. लेकिन लगता है कि पाकिस्तान एक हफ्ते पुराने इस वादे को भूल गया है.

फिर बात करें DGMO: CM मुफ्ती

पाकिस्तान के लगातार सीज़फायर उल्लंघन पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा है कि डीजीएमओ लेवल की बातचीत के बाद भी ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के डीजीएमओ को एक बार फिर बात करनी चाहिए ताकि बॉर्डर पर गोलीबारी रुक सके.

गौरतलब है कि एलओसी पर पिछले कुछ महीनों में संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है. पाकिस्तानी आर्मी की ओर से इस साल अब तक कुल 909 बार सीजफायर तोड़ा जा चुका है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 860 था.

 

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