सुभेन्दु अधिकारी के गढ़ में पहुंचकर ममता बनर्जी ने किया बड़ा ऐलान, बोलीं- यहीं से…

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टीएमसी से निकलकर बीजेपी में शामिल हुए सुभेन्दु अधिकारी के गढ़ से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamta banerjee) ने टीएमसी से निकलकर बीजेपी में शामिल हुए सुभेन्दु अधिकारी के गढ़ से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ये ऐलान किया. उन्होंने कहा कि, वो नंदीग्राम से भी चुनाव लड़ेंगी इसके साथ ही भवानीपुर से भी मैदान में उतरेंगी. नंदीग्राम सुभेन्दु अधिकारी का गढ़ माना जाता है. ऐसे में ममता बनर्जी (mamta banerjee) के ऐलान के बाद साफ हो गया है कि, सुभेन्दु के जाने से टीएमसी को बड़ा झटका लगा है.

नंदीग्राम में रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी (mamta banerjee) ने कहा कि, मैं किसी से ज्ञान नहीं लूंगी नंदीग्राम आंदोलन किसने किया? कोई थोड़ा इधर-उधर करने की कोशिश कर रहा है. जो चिंता करने की बात नहीं है. वहीं ममता बनर्जी (mamta banerjee) ने इस दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, बीजेपी वॉशिंग मशीन है, काले को सफेद करने का वॉशिंग पाउडर है.

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बीजेपी पर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि, मीडिया को डराकर अपने हिसाब से सर्वे बनाया जा रहा है, मुझे सब जानकारी है. सारे वीडियो और व्हाट्सएप पर विश्वास मत करना. बीजेपी झूठी खबरे फैलाकर भ्रम में डाल रही है.

ममता (mamta banerjee) ने 2007 के सिंगूर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि, आंदोलन सिंगूर से शुरू हुआ और नंदीग्राम तक पहुंचा था. जिसके बाद उन्होंने 26 दिनों तक कानून के खिलाफ अनशन किया और तब जाकर कानून बदला गया. आंदोलन के दौरान मुझपर पेट्रोल बम से हमला कर जलाने की कोशिश की गई थी.

नंदीग्राम सीट इसलिए भी खास है क्योंकि आंदोलन के बाद 2009 में हुए उपचुनाव में टीएमसी ने पहली बार यहां से जीत दर्ज की थी. टीएमसी की तरफ से फिरोजा बीबी ने ये जीत हासिल की थी. उसके बाद 2016 में सुभेन्दु अधिकारी ने जीत दर्ज की और ममता सरकार में मंत्री बने. नंदीग्राम आंदोलन का सूत्रधार सुभेन्दु अधिकारी को माना जाता है जो कि अब बीजेपी के रथ पर सवार हो चुके हैं. ऐसे में ममता (mamta banerjee) के लिए यहां से जीतना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.

 

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