#MeToo: राहुल जौहरी मामले में जांच पैनल की मदद करने को तैयार हैं अनिरुद्ध चौधरी

नई दिल्ली। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी पहले शीर्ष पदाधिकारी हैं, जिन्होंने स्वतंत्र जांच पैनल को सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में मदद की पेशकश की है. तीन सदस्यीय जांच पैनल ने जौहरी मामले में जांच में उनकी मदद करने के इच्छुक लोगों के लिए नौ नवंबर की समयसीमा तय की थी. पैनल ने इस संबंध में उन्हें ईमेल करने को कहा था. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हां, अनिरुद्ध ने शुक्रवार की रात पैनल को ईमेल करके जांच में मदद करने की पेशकश की है. वह पहले शीर्ष पदाधिकारी हैं जो खुलकर सामने आए हैं और समिति को मेल किया है.’’

बीसीसीआई कोषाध्यक्ष का जांच में मदद की पेशकश को बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है. अधिकारी ने कहा, ‘‘इससे पहले समिति ने आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा को सम्मन नहीं भेजा जो कि पैनल के सामने उपस्थित होना चाहते हैं क्योंकि वे उनके अधिकार क्षेत्र को लेकर सुनिश्चित नहीं थे. अब एक वर्तमान पदाधिकारी ने आगे आकर ईमेल किया है.’’

इस मामले में अनिरुद्ध चौधरी की टिप्पणी नहीं ली जा सकी. वहीं, राहुल जौहरी जांच पूरी होने तक अवकाश पर हैं. बता दें कि राहुल जौहरी पर एक अज्ञात महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए थे. इसके बाद सीओए ने उनसे जवाब मांगा था. अपनी सफाई में जौहरी ने आरोपों से इनकार किया था. तभी सीओए ने तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति का गठन करने का फैसला किया था.

प्रशासकों की समिति (सीओए)  के द्वारा गठित तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति ने आखिरकार अपनी जांच शुरू कर दी थी. बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी पर लगे कथित यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच  तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति को सीओए ने कुछ दिन पहले सौंपी थी, लेकिन इस मामले में सीओए की पारदर्शिता पर ही सवाल उठने लगे थे. इसके बाद बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी कि बीसीसीआई ने साथ ही जांच से संबंधित सभी कागजात समिति को सौंप दिए हैं.

इस तीन सदस्यीय समिति में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व निदेशक रिटायर्ड आईपीएस पी.सी. शर्मा शामिल हैं. वहीं, बोर्ड की सात राज्य इकाइयों ने राहुल जौहरी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच लंबित रहने तक उन्हें निलंबित करने की मांग की है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इस मामले में बोर्ड को ई-मेल भेजा था. उन्होंने लिखा था कि इस मामले को जिस तरीके से निपटा गया, वह चिंताजनक है. सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (कैब) के अध्यक्ष भी हैं.

 

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