PM ने कहा-23 जनवरी से पब्लिक होंगी नेताजी से जुड़ी फाइलें, फैमिली को दिया भरोसा

subhash pmतहलका एक्सप्रेस
कोलकाता/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फैमिली को भरोसा दिया है कि अगले साल 23 जनवरी से नेताजी से जुड़ी फाइलें सामने लाई जाएंगी। पीएम ने ट्वीट कर इस बारे में खुद जानकारी दी है। 23 जनवरी को ही नेताजी का जन्मदिन होता है। करीब 130 फाइलें केंद्र सरकार और पीएमओ के पास पिछले 70 साल से मौजूद हैं। इन फाइलों को सीक्रेट बताकर अब तक किसी भी सरकार ने पब्लिक नहीं किया। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें पब्लिक की थीं। इनमें कुछ जानकारी तो सामने आती है लेकिन पूरा सच नहीं।
TWITTER पर पीएम ने क्या कहा?
*मोदी ने नेताजी के परिवार से मिलने के बाद लगातार 5 ट्वीट किए। इनमें ये बातें कहीं…
– 7 आरसीआर पर सुभाष बाबू के परिवार के लोगों का स्वागत करने का सौभाग्य मिला। काफी यादगार और लंबी बातचीत हुई।
– मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानें। उन्हाेंने काफी अहम सुझाव मेरे साथ साझा किए।
– इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की जरूरत नहीं है। जो देश अपना इतिहास भूल जाते हैं, उनमें इतिहास बनाने की ताकत भी खत्म हो जाती है।
– नेताजी से जुड़ी फाइलें डिक्लासिफाइड करने का प्रॉसेस 23 जनवरी, 2016 से शुरू होगा। उस दिन सुभाष बाबू का जन्मदिन है।
– हम दूसरे देशों से भी नेताजी से जुड़ी फाइलें डिक्लासिफाई करने को कहेंगे। इसकी शुरुआत रूस से दिसंबर में होगी(पीएम दिसंबर में रूस के दौरे पर जाने वाले हैं)।
नेताजी की फैमिली पीएम से मिली
नेताजी की फैमिली के मेंबर्स और स्कॉलर्स का एक ग्रुप बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचा था। 51 लोगों के इस ग्रुप में नेताजी के परिवार से जुड़े 36 लोग, बाकी एक्सपर्ट और स्कॉलर्स थे। इस ग्रुप ने पीएम से नेताजी से जुड़ी फाइलें पब्लिक किए जाने की मांग की थी।
51 लोगों में कौन-कौन?
नेताजी के परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला शीला सेनगुप्ता, परपोते अभिजीत रॉय, भतीजे अर्द्धेंदु बोस और भतीजी चित्रा घोष पीएम से मुलाकात करने जा रहे लोगों में शामिल हैं। नेताजी पर रिसर्च करने वाले लेखक अनुज धर और डिफेंस एक्सपर्ट रिटायर्ड जनरल जी.डी. बख्शी भी इस ग्रुप में शामिल हैं।
पहले की सरकारें क्यों पब्लिक नहीं कर रही थीं फाइलें?
पिछले 70 साल में कोई भी सरकार ने नेताजी से जुड़ी फाइलें पब्लिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। सरकारें यही कहती रही हैं कि इन फाइलों में बेहद सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन है। अगर इन फाइलों को पब्लिक किया जाता है तो भारत के कुछ देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं।
और बोस परिवार क्या सोचता है?
सरकार के दूसरे देशों से रिश्ते बिगड़ने की आशंका पर बोस परिवार का कहना है कि सरकार ये तो बताए कि रिश्ते क्यों खराब होंगे? चंद्रा बोस कहते हैं, “सरकार देश के लोगों के सामने सच्चाई लाना चाहती है या दूसरे देशों को खुश रखना चाहती है।” चंद्रा का कहना है कि 1945 के बाद नेताजी चीन में थे। लेकिन इस लिंक की जांच कभी और क्यों नहीं की गई? बोस कहते हैं कि जब तक सारी जानकारी एक साथ रखकर इसकी जांच नहीं की जाएगी तब तक नेताजी से जुड़ा सच सामने नहीं आएगा।
 

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