PM बोले – लोक लुभावन नहीं होगा बजट, जनता मेरा काम जानती है, मुफ्त की चीजें नहीं चाहिए

नई दिल्ली। लोकसभा बजट सत्र की घोषणा और बजट पेश होने के समाचारो के बाद से ही उम्‍मीदें जतायी जा रही हैं कि यह आम बजट लोक लुभावन होगा। लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर मोदी सरकार कई लोक लुभावन प्रस्‍ताव लेकर आ सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि बजट लोक लुभावन नहीं होगा।  नरेंद्र मोदी सरकार की बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 2019 चुनाव लोकसभा चुनाव से पूर्व यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।

एक मीडिया इंटरव्‍यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आगामी आम बजट कोई लोकलुभावन बजट नहीं होगा और सरकार सुधारों के अपने एजेंडे पर ही चलेगी, जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था ‘पांच प्रमुख’ कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की जमात से निकलकर दुनिया का ‘आकर्षक गंतव्य’ बन गया है। मोदी ने कहा, ‘यह मात्र एक धारणा है कि लोग मुफ्त की चीजें और छूट चाहते हैं।’

मोदी ने कहा कि आम जनता ईमानदार सरकार चाहती है। ‘आम आदमी छूट या मुफ्त की चीज नहीं चाहता है।’ मोदी ने कहा कि यह मामला वित्त मंत्री के दायरे में आता है और मैं इस काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता हूँ।उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखा है वो जानते हैं कि सामान्य जन इस तरह की चीजों (लोकलुभान) की अपेक्षा नहीं करता, यह एक मिथक (कोरी कल्पना) है।

रोजगार सृजन पर किया जा रहा है ‘मिथ्‍या’ प्रचार 

प्रधानमंत्री ने आर्थिक वृद्धि के बावजूद रोजगार न बढ़ने की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि रोजगार सृजन के विषय पर एक झूठा प्रचार किया जा रहा है। सरकार की नीतियां रोजगार सृजन के लिए हैं। साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि भारत में रोजगार के मामले में संगठित क्षेत्र का योगदान दस प्रतिशत है जबकि 90 प्रतिशत रोजगार असंगठित क्षेत्र में मिला हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार की नीति कपड़ा और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने की है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 करोड़ छोटे कारोबारियों को कर्ज दिये गये हैं, जिससे उद्यमी तैयार हुए हैं और रोजगार के अवसर बने हैं। ये इकाइयां कॉरपोरेट की परिभाषा में नहीं आती हैं। मोदी ने यह भी कहा कि पिछले एक साल में कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत 70 लाख युवकों के नये खाते खुले हैं, जो 18 से 25 वर्ष के है।

जीएसटी में किसी भी कमी को दूर करने को तैयार है सरकार 

नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह जीएसटी की किसी भी कोर-कसर को दूर करने तथा इसे और कारगर बनाने के लिए इसमें बदलाव के किसी भी सुझाव पर विचार करने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह एक प्रक्रिया है और हमारे इरादे नेक हैं. हम प्रयास कर रहे हैं।’  मोदी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध करने वालों की भर्त्सना करते हुए कहा कि ऐसे लोग संसद का ‘अपमान’ कर रहे हैं।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button