सदन में PM मोदी ही नहीं, गुलाम नबी आजाद भी हुए भावुक, बोले- ‘मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो…

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम जम्मू कश्मीर गुलाम नबी आजाद समेत चार सदस्यों की राज्यसभा से विदाई हो रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सभी सदस्यों को आगे के लिए शुभकामनाएं दी

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम जम्मू कश्मीर गुलाम नबी आजाद समेत चार सदस्यों की राज्यसभा से विदाई हो रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सभी सदस्यों को आगे के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि सदन से जा रहे इन साथियों के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा खुले हैं। वहीं गुलाम नबी आजाद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। पीएम मोदी ने कहा, राजनीति में बहस, मतभेद, वार-पलटवार चलता रहता है, लेकिन एक मित्र होने के नाते आजाद जी का बहुत आदर करता हूं।

पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि मुझे इस बात की चिंता है कि, गुलाम नबीं आजाद जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बड़ी दिक्कतें होंगी। आजाद एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने दल के साथ ही सदन और देश की भी चिंता करते थे, जो कोई मामूली बात नहीं हो सकती है। पीएम मोदी (PM Modi) ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, कि, गुलाम नबी आजाद जब जम्मू कश्मीर के सीएम थे तो मैं भी गुजरात का सीएम था।

पीएम मोदी ने कहा, एक बार गुजरात के कुछ लोग कश्मीर घूमने गए और उनपर आतंकियों ने हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही गुलाम नबी आजाद जी ने मुझे फोन किया, लेकिन ये फोन सिर्फ जानकारी देने के लिए नहीं था। आजाद जी की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। वो वक्त मेरे लिए सबसे भावुक कर देने वाला था। पता चला कि, आतंकी हमले में आठ लोग मारे गए हैं।

इस घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) की आंखों में आंसू आ गए और गला भर आया। उनकी आंखों से आंसू बहने लगे और संसद में लोग एकदम शांत हो गए। पीएम मोदी ने खुद को संभालते हुए पहले पानी पिया और बाद में सदन से माफी मांगी। पीएम मोदी ने घटना के बारे में आगे कहा, पद और सत्ता जीवन में आती रहती है, लेकिन उसे कैसे पचाना है….पीएम ने बताया, अगली सुबह आजाद जी ने फिर मुझे फोन किया कि, शव पहुंच गए हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा इसलिए एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी के अनुभवों के आधार पर उनका आदर करता हूं. उनकी सौम्यता, विनम्रता और देश के लिए कुछ करने की चाह उनको कभी चैन से बैठने नहीं देगी। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं। राज्यसभा से जिन चार सांसदों की विदाई हो रही है उनमें गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मोहम्मद फयाज और नाजिर अहमद का नाम शामिल है।

वहीं, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की विदाई के मौके पर ना केवल पीएम मोदी बल्कि खुद गुलाम नबी आजाद भी कुछ पलों के लिए भावुक हो गए। उन्होंने देश से आतंकवाद के खात्मे और कश्मीरी पंडितों के आशियानों को फिर से आबाद किए जाने की कामना की।

उच्च सदन में अपने विदाई भाषण के दौरान आजाद ने उस घटना का विवरण दिया, जिसकी चर्चा करते हुए इससे पहले प्रधानमंत्री का गला रूंध गया था। अपने संबोधन के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कश्मीरी पंडितों का भी जिक्र किया और कहा कि वह जब छात्र राजनीति में थे, उन्हें सबसे ज्यााद वोट कश्मीरी पंडितों का ही मिलता था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कश्मीरी पंडितों के उजड़े आशियानों को बसाने की दिशा में प्रयास करने का आग्रह किया। इस दौरान उन्होंने एक शेर सुनाया।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहा, ‘गुजर गया वह जो छोटा सा एक फसाना था, फूल थे, चमन था, आशियाना था, न पूछ उजड़े नशेमन की दास्तां, न पूछ थे चार तिनके, मगर आशियाना था।’ पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि उन्हें फक्र होता है कि वह एक हिंदुस्तानी हैं।

उन्होंने कहा कि ‘मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गए। लेकिन जब मैं वहां के बार में पढ़ता हूं या सुनता हूं तो मुझे गौरव महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। विश्व में किसी मुसलमान को यदि गौरव होना चाहिए तो हिंदुस्तान के मुसलमान को गर्व होना चाहिए।’

 

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