फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती के जहरीले बयान, बोले – धारा 370 व 35 A के लिए फिर होगा संघर्ष

करीब एक वर्ष बाद रिहा होने के बाद जम्मू कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती (Farooq Abdullah and Mehbooba Mufti) द्वारा एक बार फिर अपने जहरीले बयानों से पृथ्वी के स्वर्ग जम्मू कश्मीर पर अशांति फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

करीब एक वर्ष बाद रिहा होने के बाद जम्मू कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती (Farooq Abdullah and Mehbooba Mufti) द्वारा एक बार फिर अपने जहरीले बयानों से पृथ्वी के स्वर्ग जम्मू कश्मीर पर अशांति फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

एक तरफ जहाँ फारूक अब्दुल्ला ने चीन की मदद लेकर धारा 370 व 35 A की पुनः बहाली का ऐलान करते हुए जम्मू कश्मीर में भारत की अपेक्षा चीन के शासन की बात कह डाली, वहीँ दूसरी तरफ महबूबा मुफ़्ती ने भी वादियों में तांडव से कहाँ पीछे रहने वाली थी। उन्होंने कहा कि जिस दिन धारा 370 और 35 A हटाने का फैसला लिया गया वह एक काला दिन था। जिसने सीधे दिल पर वार किया है और वह उसके लिए संघर्ष करेंगी।

जम्मू कश्मीर के करीब सभी राजनीतिक दल उपस्थित रहे

रिहा होने के बाद फारूक अब्दुल्ला के घर हुई बैठक में सभी नेता सम्मिलित हुए। बैठक में गुपकार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले जम्मू कश्मीर के करीब सभी राजनीतिक दल उपस्थित रहे। इस बैठक में बीमारी के चलते कांग्रेस अध्यक्ष नहीं पहुँच सके जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इनके बयान पहले की तरह ही भारत के प्रति जहर उगलने वाले थे, अन्तर सिर्फ दिखा तो यह कि पहले यह पाकिस्तान की भाषा बोलते थे और अब यह चीन की भाषा बोल रहे हैं।

बैठक में सम्मिलित सभी दलों के इस गठबंधन को पीपुल्स अलायंस नाम देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा वे जम्मू कश्मीर में एक बार फिर 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति को बहाल करने के लिए संघर्ष करेंगे।इस प्रकार इन नेताओं ने एक बार फिर जन्नत में जहर घोलने का कार्य शुरू कर दिया है।

पहले ही सरकार की तरफ से इन्हें रिहा कर दिया गया

बताते चलें कि 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार की तरफ से जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 व 35 A में बदलाव का ऐलान किया गया था। जिसके बाद प्रदेश में अमन बना रहे इसके लिए कई बड़े नेताओं को नजरबन्द रखा गया था। इन नेताओं ने रिहाई के लिए याचिकाएं भी डाली थी। जिन पर सुनवाई चल रही थी। सुनवाई पूरी होने के पहले ही सरकार की तरफ से इन्हें रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद सभी ने फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बैठक कर धारा 370 व 35 A की पुनः पहले जैसी बहाली के लिए संघर्ष की घोषणा की गई।

 

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