PoK में पाक की दरिंदगी के सबूत, भारत ने जताया विरोध

pok2तहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाक सेना की दरिंदगी का खुलासा होने के बाद मोदी सरकार के कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस खुलासे ने दुनिया की आंख खोल दी है। केंद्र सरकार को इस मसले पर विपक्ष का भी समर्थन मिल रहा है। जम्मू की उधमपुर लोकसभा सीट से सांसद और स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 1947 से ही पीओके में रह रहे लोग इस्लामाबाद की दरिंदगी का शिकार हो रहे हैं।

जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान के अन्य हिस्सों की तुलना में इस हिस्से के लोगों के साथ हमेशा से ही भेदभाव हो रहा है। भेदभाद सिर्फ विकास के स्तर पर ही नहीं है, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भी पाक सरकार ने पीओके के लोगों के साथ सौतेल बर्ताव किया है।’

बता दें कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में वहां की सेना का बर्बर चेहरा चेहरा सामने आया है। पीओके के कई हिस्सों में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इन इलाकों में मुजफ्फराबाद, गिलगिट और कोटली शामिल हैं। खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान की सेना विरोधियों के साथ कैसा बर्बर बर्ताव कर रही है। पाक की तरफ से अक्सर ही भारत सरकार पर कश्मीर घाटी में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है, पर इन विडियोज को देखकर साफ जाहिर हो गया है कि पीओके में मानवाधिकार को ताक पर रख दिया गया है।

विडियो में सामने आई PoK में पाकिस्तान की क्रूरता। विडियो...

जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘विरोध प्रदर्शन पहले भी हुए, पर हर बार इस्लामाबाद ने उसे बर्बरता से खामोश कर दिया। बर्बरता हद से गुजर गई और लोगों की तड़प दुनिया के सामने आ गई है। पहले भी कई सबूतों के बिनाह पर पाकिस्तान सरकार को पीओके में हो रही बर्बरता के लिए लिखा गया, पर वहां की सरकार ने कभी माना ही नहीं कि मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।’

जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीओके के चुनाव भी छलावा होते हैं और वहां का पीएम इस्लामाबाद से ही तय होता है। सिंह ने इस मसले को कई वैश्विक फोरम पर उठाने की बात नहीं की, हालांकि यह जरूर कहा कि ज्यादातर लोगों का मानना यही है कि पीओके में पाक सरकार जानबूझ कर ऐसा कर रही है।

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने भी कहा कि भारत लंबे समय से कह रहा है कि पीओके के लोगों के साथ पाकिस्तान का बर्ताव सही नहीं है। सिंह ने कहा, ‘वहां के लोगों के कोई लोकतांत्रिक अधिकार नहीं हैं। पाकिस्तान ने हमेशा अल्पसंख्यकों के साथ बुरा सलूक किया है। इसका जिम्मेदार सिर्फ पाकिस्तान ही है।’

कांग्रेस ने भी सरकार का साथ देते हुए कहा कि इस खुलासे से मोदी सरकार को एक मौका मिला है कि यह मसला यूएन तक ले जाया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘भारत के पास मौका है कि यह मामला यूएन में ले जाए। इस खुलासे से साफ है कि पाकिस्तान के क्या हालात हैं। पीओके में लोगों का गुस्सा सड़कों पर दिख रहा है।’

सीएनएन की रिपोर्ट में पीओके के लोग पाकिस्तानी सेना के दमन से आजादी की मांग कर रहे हैं और कुछ ने माना है कि पाकिस्तान से कहीं बेहतर भारत है और पाकिस्तान को उन पर अत्याचार करने का कोई हक नहीं है।

1971 में इंडियन एयरलाइंस का प्लेन हाइजैक करने वाले पूर्व आतंकी हाशिम कुरैशी ने भी पाक सेना की बर्बरता की तस्दीक की है। कुरैशी ने कहा, ‘मेरे लिए यह कतई नई या चौंकने वाली बात नहीं है। मैं खुद पाकिस्तान में ऐसी यातनाओं से गुजर चुका हूं। पाकिस्तानी सेना ब्रिटिश राज की सेनाओं की तरह ही है।’

 

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