प्रतापगढ़ : हथिगवां में 40 लाख नहीं बल्कि 4 करोड़ की हुई थी लूट…

यूपी के प्रतापगढ़ में हथिगवां थाना क्षेत्र के जहानाबाद में 30 जनवरी की रात 40 लाख रुपए एवं स्कॉर्पियो लूट कांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है।

यूपी के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में हथिगवां थाना क्षेत्र के जहानाबाद में 30 जनवरी की रात 40 लाख रुपए एवं स्कॉर्पियो लूट कांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है। मास्टरमाइंड स्कार्पियो चालक ने लोन का पैसा अदा करने के लिए अपने सगे भाई सहित दो अन्य साथियों के साथ मिलकर लूटकांड को अंजाम दिया था।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि सर्राफा कारोबारी ने लूट की सही रकम एफआईआर में नहीं लिखी थी। सिर्फ 40 लाख रुपए ही लूटे जाने की बात एफआईआर में लिखी थी। मास्टरमाइंड स्कार्पियो चालक ने पूछताछ के दौरान 4 करोड़ रुपए लूटने की बात कबूली है। लूट कांड से पर्दा हटने के बाद अब कारोबारी भी सामने नहीं आ रहा है। और ना ही चार करोड़ की बात कबूल कर रहा है। इससे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। एसपी अभिनंदन ने बताया की यह रकम दिल्ली के एक व्यक्ति के पास जाती थी। जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं होता था और ना ही यह ज्वेलरी की खरीददारी के लिए पैसा जा रहा था। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह रकम किसके पास जा रही थी और इतनी बड़ी रकम से क्या होता था।

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वाराणसी के दारानगर निवासी ज्वाला प्रसाद उर्फ रिंकू सेठ सर्राफा के कारोबारी हैं। उनकी वाराणसी में ही जेपी ज्वैलर्स के नाम से दुकान है। रिंकू सेठ के अनुसार 30 जनवरी को इन्होंने अपने मुनीम एवं चालक हरिनाथ यादव निवासी चक रौशन हैदरी थाना सरायमील जनपद आजमगढ़ को 40 लाख रुपए जैवेलरी खरीदने के लिए देकर स्कोर्पियो से दिल्ली भेजा था। लेकिन प्रतापगढ़ के हथिगवां थाना क्षेत्र के जहानाबाद के पास रात में बदमाशों ने ओवरटेक कर स्कोर्पियो को रोक लिया। इसके बाद मुनीम व चालक को पीटकर वहीं फेंक दिया। फिर 40 लाख और स्कोर्पियो लूटकर फरार हो गए। अगली सुबह स्कोर्पियो कौशांबी के कोखराज थाना क्षेत्र के धन्नी गांव के पास लावारिस हालत में मिली थी। कोखराज पुलिस ने रिंकू सेठ की तहरीर पर पुलिस ने 40 लाख लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने चालक हरिनाथ यादव पर ही शक जाहिर करते हुए छानबीन शुरू कर दी। पुलिस उससे पूछताछ कर ही रही थी। इसी दौरान दो फरवरी को मध्य प्रदेश के सिवनी में तीन लोग स्लेटी रंग की इनोवा में करोड़ो की रकम के साथ गिरफ्तार किए गए। एमपी पुलिस ने पूछताछ किया तो उन लोगों ने बताया कि यह रुपए प्रतापगढ़ के हथिगवां इलाके में लूटे गए हैं और स्कॉर्पियो को कौशांबी के कोखराज इलाके में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था। इसके बाद कौशांबी पुलिस सिवनी पहुंची और आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस से संपर्क करना चाहा। लेकिन पुलिस ने उनका कोई सहयोग नहीं किया।

इधर हिरासत में रहे चालक हरिनाथ को पुलिस ने करा किया तो उसने लूट की घटना को कुबूल कर लिया। उसने बताया कि 40 लाख नहीं बल्कि 4 करोड़ रुपए लूटे गए थे और लूट की योजना उसने खुद बनाई थी। क्योंकि उसने अपने मालिक से कई बार लोन की रकम जमा करने के लिए पैसे मांगे थे और जब उसने पैसा नहीं दिया तो उसने अपने भाई हरिओम यादव के साथ मिलकर लूट की घटना की योजना बना डाली और 30 जनवरी की रात अपने भाई हरिओम यादव, सुनील वर्मा निवासी साइनकोलीवाडा थाना अंटीपार मुंबई महाराष्ट्र व ग्यास बाबू निवासी भिवंडी मुंबई के साथ मिलकर प्रतापगढ़ के हथिगवां थाना अंतर्गत जहानाबाद में लूट की फर्जी घटना कर डाली। इतनी बड़ी रकम लूटी जाने और सही रकम एफआईआर में ना दर्ज किए जाने के मामले में कौशांबी पुलिस ने वाराणसी के ज्वेलरी कारोबारी से संपर्क कर जानकारी चाही तो ज्वेलरी कारोबारी ने भी चुप्पी साध ली। एसपी अभिनंदन की मानें तो ज्वेलरी कारोबारी को बुलाया गया लेकिन वह जवाब देने के लिए नहीं आया। हालांकि पूछताछ के दौरान हरि नाथ यादव ने बताया कि वह ऐसी करोड़ों की रकम अक्सर दिल्ली लेकर जाता था और उस रकम को दिल्ली में ही एक व्यक्ति के हवाले कर दिया जाता था। उसके बदले में कोई ज्वेलरी नहीं मिलती थी और न ही इन पैसों का कोई लेखाजोखा होता था। अब सवाल यह है कि इतनी बड़ी रकम बगैर लिखा पढ़ी के दिल्ली में किस के पास जाती थी और किस लिए जाती थी। पुलिस के पास भी अभी इसका कोई जवाब नहीं है लेकिन कौशांबी पुलिस अब तह तक जाने के लिए तैयार है।

 

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