RSS से जुड़े संगठन किसानों के समर्थन में उतरे

केंद्र सरकार द्वारा हाल में पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान लामबंद हो रहे हैं. इसका उनके द्वारा भरसक विरोध किया जा रहा है

केंद्र सरकार द्वारा हाल में पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान (farmers) लामबंद हो रहे हैं. इसका उनके द्वारा भरसक विरोध किया जा रहा है. प्रदेशों से निकलकर किसान अब दिल्ली  तक पहुँच चुका है. भारतीय किसान संघ सहित RSS से जुड़े कई संगठन केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में आए हैं. मामले में BKS का कहना है कि ये कानून केवल कॉर्पोरेट घरानों और बड़े व्यापारियों का हित देखते हैं, किसानों का नहीं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वेदशी जागरण मंच ने भी कृषि कानूनों के विरोध में बयान जारी किया है.

सरकार द्वारा नहीं हुआ विचार

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, RSS से जुड़े कई किसान संगठन NDA सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के विरोध में खड़े हो गए हैं. वहीँ BKS के महासचिव बद्रीनारायण चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, हमने सबसे पहले तीनों एक्ट के विरोध में आवाज उठाई और बिल में संशोधन करने के लिए देश के 3,000 तहसीलों से इकट्ठा किए गए मेमोरेंडम्स को कृषि मंत्रालय भेजा, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि देश के लगभग 15,000 गांवों में ग्राम सभाओं ने कानून के विशिष्ट प्रावधानों में संशोधन के लिए प्रस्ताव पारित किए, लेकिन इनमें से किसी पर भी सरकार द्वारा विचार नहीं किया गया.

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हो सकते हैं बदलाव

चौधरी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, हमने अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए कृषि मंत्री से बात की, लेकिन भले ही वह हमारे रुख के बारे में आश्वस्त हों, जैसे ही वो अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ बैठते हैं, वे वही पुराने तर्क देना शुरू कर देते हैं. वहीँ इस पर BKS का कहना है कि अगर सरकार तीनों कानूनों को निरस्त नहीं कर सकती है, तो उसे एक चौथा कानून लाना चाहिए जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देता है. रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी की किसान सेल, किसान मोर्चा में कुछ लोग महसूस करते हैं कि सरकार किसानों को संतुष्ट करने के लिए कानूनों में कुछ बदलाव कर सकती है.

 

 

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