SC ने दी ‘नेता जी’ को चेतावनी- फिर ऐसा किया तो सूटकेस लेकर आना, यहींं से तिहाड़ भेज देंगे

नई दिल्ली। दिल्ली में सीलिंग के दौरान रुकावट डालने वाले भाजपा पार्षद मुकेश सूर्यान ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर माफी मांगी. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए उनसे कहा कि अगर अगली बार ऐसी हरकत की तो तो सूटकेस लेकर आना, यहां से सीधे तिहाड़ जेल भेजे देंगे. नजफगढ़ जोन की वार्ड कमेटी के चैयरमैन मुकेश सूर्यान पर आरोप था कि उन्होंने सीलिंग ड्राइव से जुड़े अधिकारियों को काम करने से रोका. इसके चलते उन्हें नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था.

मुकेश सूर्यान ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी और इस आशय का हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए मुकेश सूर्यान से कहा कि भविष्य में अगर दोबारा सीलिंग में बाधा डाली तो कोर्ट में पेश होने से पहले सूटकेस लेकर सुप्रीम कोर्ट आना, यही से तिहाड़ भेज देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सीलिंग के मामले में सुनवाई करते हुए की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सीलिंग कार्रवाई में किसी की दादागिरी बर्दास्त नही करेंगे.

कूड़े के लिए फटकार
इसके साथ ही दिल्ली में कूड़े के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई. इसके लिए कोर्ट ने उपराज्यपाल को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा, ‘सिर्फ दक्षिण दिल्ली से 1800 टन कूड़ा रोज इकट्ठा होता है. आपके वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट दिसम्बर तक शुरू होंगे. आपको अंदाजा है तब तक कितना और कचरा इकट्ठा हो जाएगा? सात लाख टन से भी ज़्यादा!’

कोर्ट ने कहा कि गंगाराम अस्पताल की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में आधी आबादी फेफड़े के कैंसर के खतरे की चपेट में है. दिल्ली में आपातकाल जैसी स्थिति है. लेकिन आपका रिएक्शन वैसा नहीं है. आपको उसका भान नही है. सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कूड़े को क्यों न राजनिवास के बाहर फेंका जाए.

विकल्प तलाशने की जरूरत 
उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया कि प्लांट को लगाने में समय लगेगा. रातों रात प्लांट नही लगा सकते. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी एक के घर से कूड़ा हटा कर किसी दूसरे के घर में नही फेंक सकते. आपको विकल्प तलाशना होगा. सोनिया विहार के लोगों का विरोध जायज है, क्योंकि वो अंडर प्रिविलेज्ड हैं तो आप उनके घरों के पास कूड़े का पहाड़ खड़ा करना चाहते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को ये कहने का अधिकार है कि उनके घर से सामने कूड़ा न डंप किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घरों से निकलने वाले कूड़े को अलग अलग हिस्सों में रखा जाए. जैसे कौन सा बायो है कौन सा नही. ऐसे ही इसको तीन अलग अलग हिस्सों में रखना चाहिए. घरों से ही सरकार को इसे उठाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 17 अगस्त तक पायलट प्रोजेक्ट बताएं. पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट ने कूड़ा प्रबंधन को लेकर एलजी को फटकार लगाई थी.

 

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