SC/ST कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद कल, सुरक्षा सख्त

अहमदाबाद। अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवावरण अधिनियम (एसएसी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने देशभर में 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है. इसके मद्देनजर कई राज्यों में एहतियातन सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं.

कैप्टन अमरिंदर की अपील

पंजाब में भारत बंद को देखते हुए रविवार 5 बजे से सोमवार 11 बजे रात तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. स्कूल कॉलेज भी बंद रहेंगे. साथ ही राज्य सरकार ने सोमवार को सरकारी परिवहन सेवा को निलंबित कर दिया है. बंद को लेकर पंजाब सरकार ने राज्य में मौजूद सभी आर्मी बेस कैंपस की यूनिट को अलर्ट पर रहने की दरख्वास्त भेजी.

ANI

@ANI

Punjab Chief Secy Karan A Singh wrote to Secr Dept of Defence, GoI stating ‘Army in Punjab to remain ready for any eventuality as state govt may need their assistance in maintaining law & order’ during bandh called by several Dalit organisations against amendment of SC/ST Act.

पंजाब के प्रमुख सचिव करन ए सिंह ने केंद्र सरकार रक्षा सचिव को पत्र लिखकर सैन्य बलों की मांग की है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके और कानून व्यवस्था को कायम रखा जा सके. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रदर्शन के दौरान दलित संगठनों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.

सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही है. इस आदेश में जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने कहा था कि सात दिनों के भीतर शुरुआती जांच जरूर पूरी हो जानी चाहिए.

दलित संगठनों की राय

वहीं दलित और आदिवासी संगठनों का कहना है कि यह कानून दलितों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले जातिसूचक शब्दों और हजारों सालों से चले आ रहे अत्याचार को रोकने में मददगार रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब दलितों को निशाना बनाना और आसान हो जाएगा.

पुनर्विचार याचिक दाखिल करने की मांग

भारत बंद के आह्वान को कई दलित नेताओं का समर्थन हासिल है. गुजरात के निर्दलीय विधाय जिग्नेश मेवानी ने भी लोगों से भारत बंद में शामिल होने का आह्वान किया है. बीजेपी के दलित सांसद केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिक दाखिल करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए दलित सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध जताया था.

सुप्रीम कोर्ट में वकील संतोष कुमार का कहना है कि शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के उन आकड़ों पर विचार नहीं किया जो बताती हैं कि 2014 में दलितों के ख़िलाफ़ 47064 अपराध हुए. यानी औसतन हर घंटे दलितों के ख़िलाफ़ पांच से ज़्यादा (5.3) अपराध हुए हैं. अपराधों की गंभीरता को देखें तो इस दौरान हर दिन दो दलितों की हत्या हुई और हर दिन औसतन छह दलित महिलाएं (6.17) बलात्कार की शिकार हुई हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2004 से 2013 तक 6,490 दलितों की हत्याएं हुईं और 14,253 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार हुए हैं.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button