हल्के-फुल्के झटकों से आसानी से टूट रही हैं हड्डियां तो कही आप भी तो नहीं हैं इस जानलेवा बिमारी का शिकार

ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रही है। इसकी एक बड़ी वजह जीवनशैली में खान-पान और व्यायाम के प्रति लापरवाही को भी माना जा रहा है। इस कारण यह समस्या युवाओं में बढ़ रही है।

यह बीमारी इन छेदों के आकार को बड़ा करती है. यानि हड्डी का घनत्व काम होता जाता है.जिससे हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं और इनके टूटने का खतरा काफी बढ़ जाता है. ये बीमारी वैसे तो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. लेकिन बुजुर्गों और महिलाओं में इसके होने की सम्भावना कई गुना ज्यादा होती है.

प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, United States में लगभग 53 मिलियन लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं और इनमें से बहुत ऐसे लोग भी हैं, जिनको ये बीमारी होने का खतरा बहुत ज्यादा है. ओस्टियोपोरोसिस में दैनिक क्रियाओं को करने के दौरान जिन हड्डियों के टूटने का खतरा सबसे ज्यादा होता है उनमें पसलियां, कूल्हे, कलाई और रीढ़ की हड्डियां शामिल हैं.

ऑस्टियोपोरोसिस का अर्थ होता है हड्डियों का कमजोर होना। उम्र बढ़ने के साथ उतनी कोशिकाओं का निर्माण नहीं होता है, जितनी संख्या में उनका विनाश होता है। ऊपर से यदि हड्डियों के लिए पोषक तत्व जैसे कि कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन डी और खनिज पदार्थों को अपनी खुराक में शामिल नहीं किया जाए तो हड्डियों का क्षय तेजी से होने लगता है। ऐसे में हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार और शारीरिक व्यायाम एकदम जरूरी हो जाता है।

 

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