सौ बीमारियों की ‘एक दवा’ हैं तुलसी की पत्तियां, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में हैं लाभदायक
उन्होने बताया कि आयुवेर्द में तुलसी को रोग नाशक जुडी-बूटी माना जाता है। इसे सौ बीमारियों की ‘एक दवा’ कहें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। यह सदीर्-जुकाम और गले में खरास से राहत दिलाने के लिए इसकी पत्तियों और कालीमिर्च का काढ़ा रामबाण साबित होता है। वहीं कोरोना वायरस से बचाव के दौरान लोगों के काढ़ा तैयार कर उपयोग में लाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी सहायक हुई है।
आयुवेर्दाचार्य नरेन्द्र नाथ ने बताया कि आयुवेर्द मे इसे रोग नाशक जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है।’तुलसी पंचाग (जूस) वैज्ञानिक दृष्टकोण से 9० फीसदी क्षारीय (एल्काइन) होता है। यह प्रतिरोधक क्षमता के लिए श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्ल्यूबीसी) का निमार्ण करते हैं जिसे ही हम इम्यून या प्रतिरोधकता कहते हैं। उन्होने बताया कि जब शरीर अधिक लवणीय हो जाती है तब डब्ल्यूबीसी का निमार्ण होना कम हो हो जाता है जिसे समस्त बीमारियों की जननी कहते हैं।
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