इस दीपावली अपनाएं ये बेहद आसान टिप्स और खुशियों से भर लें अपना आशियाना

द‍िवाली का पर्व इस बार 14 नवंबर यानी क‍ि शन‍िवार को है। दीपावली पर हम सभी माता लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते है और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।

द‍िवाली का पर्व इस बार 14 नवंबर यानी क‍ि शन‍िवार को है। दीपावली पर हम सभी माता लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते है और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।

बेरंग जीवन में उत्साह का रंग भर देता है जगमग रोशनी का यह पर्व. लेकिन अगर इस त्यौहार पर वास्तु के कुछ नियमों का पालन कर लिया जाए तो और भी शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है. दीवाली से पहले हम उन्हीं कुछ वास्तु टिप्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.

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मां लक्ष्मी का स्वागत शानदार तरीके से किया जा सके

यह काम आपको दीवाली के पर्व से पहले कर लेना है।  जिसके मुताबिक घर से बेकार टूटी फूटी चीज़ें, फटे पुराने कपड़े, टूटी चपप्लें, बर्तन इत्यादि सब कुछ घर से बाहर निकाल देना है।  चा वहे तो घर को रंग रौगन करवा सकते हैं।  ताकि मां लक्ष्मी का स्वागत शानदार तरीके से किया जा सके।

इससे आपके घर में सकारात्मकता का वास होता है

दीपक का काम है रोशनी करना और इसीलिए दीवाली की रात जगमग दीपों से अमावस्या की काली स्याह रात को रोशन कर दिया जाता है।  इस रात हर कोई दीये जलाता है लेकिन अगर वास्तु के अनुसार दीए जलाए जाएं तो इस दीवाली आपका घर खुशियों से भर जाएगा। इसके लिए आपको उत्तर में नीला रंग, पूर्व में हरा रंग, दक्षिण-पूर्व में नारंगी, दक्षिण में लाल, दक्षिण-पश्चिम में गुलाबी या ग्रे, पश्चिम में गहरा नीला और उत्तर-पश्चिम में नीला या ग्रे रंग का दीया जलाना चाहिए।  इससे आपके घर में सकारात्मकता का वास होता है।

दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है

दीवाली के दिन मेरु श्री यंत्र की पूजा करना बहुत उपयोगी बताया गया है. कहते हैं इस यंत्र की पूजा से जीवन में खुशहाली तो आती ही है साथ ही आर्थिक समस्याएं भी कम हो जाती है। मेरु को आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत माना गया है।  लेकिन ध्यान रखें कि दीवाली पर इस यंत्र को पूजा घर में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके रखना चाहिए।  यूं तो दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है लक्ष्मी को धन व वैभव की देवी माना गया है।  और इस धन के रक्षक हैं कुबेर।  इसीलिए इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ साथ भगवान कुबेर की पूजा भी अनिवार्य बताई गई है।

 

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