UP सरकार के सीनियर अफसर पर आईएफएस अफसर ने लगाए भ्रष्टाचार के संगीन आरोप

लखनऊ। उत्तरप्रदेश की नौकरशाही को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब भले ही कड़ी निगरानी की बात कर रहे हों लेकिन अफसरों को लेकर भ्रष्टाचार की खबरें आनी अभी बंद नहीं हुई हैं। ताज़ा मामला यूपी में वन विभाग के अपर मुख्यसचिव और सीनियर अफसर आईएएस संजीव सरन का है। संजीव सरन पर उनके ही मातहत काम करने वाले एक आईएफएस अफसर ने कई संगीन आरोप लगाए हैं।

अपर मुख्य वन संरक्षक, आगरा जोन ए के अफसर ए.के. जैन ने आरोप लगाया है कि संजीव सरन पर एफआईआर दर्ज है इसके बावजूद भी उन्हें पदोन्नति दी गई। जैन ने आरोप लगाया कि सरन पर सरकार को 4721 करोड़ की हानि पहुंचाने के मामले में एफआईआर हुई थी। एके जैन ने संजीव सरन को पत्र लिख कर कहा कि आपने नोटबंदी के दौरान करोड़ों की पुरानी करेंसी को नई करेंसी में बदला है।

आईएफएस अफसर ए. के. जैन का आरोप है कि आईएएस संजीव सरन के पास दुबई और लन्दन में होटल हैं और उन्होंने नोटबंदी के दौरान 20 करोड़ से ज्यादा के नोट बदले।

यही नहीं जैन ने आरोप लगाया कि संजीव सरन द्वारा एक प्रभागीय वन अफसर के. के. सिंह की तैनाती आगरा में की गई। जो पर्यटक विदेशों से आगरा आते हैं के. के. सिंह उनसे होटल का प्रचार करता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार आईएफएस जैन ने यह लेटर लेटर 6 मई और 8 मई को लिखे लेकिन मामला नहीं बना तो शुक्रवार को इसे लीक कर दिया गया। इस लेटर के लीक होने के बाद ए. के. जैन भी अपने ऑफिस से गायब हैं और अपना नंबर भी बंद कर दिया है।

आईएफएस जैन ने अपने पत्र में ये संगीन आरोप लगाए 

ए. के. जैन ने लिखा कि संजीव सरन पहले अफसर को चेतावनी देते हैं फिर अफसर आपसे सचिवालय में आकर मिलता है।

नीचे के अफसर चेतावनी निरस्त करने की पत्रावली आपको भेजते हैं और आप उसकी संस्तुति दे देते हैं। इस तरह से आपका तंत्र काम करता है और जो मंत्री जनता के बीच से चुन कर आया है उसे कुछ पता ही नहीं चलता है।

ए. के. जैन ने लिखा सरन ने नॉएडा अथॉरिटी में सीईओ के पद पर रहते 4721 करोड़ के गबन किया।

4721 करोड़ के गबन के आरोप में  संजीव सरन पर एफ़आईआर भी दर्ज हुई है लेकिन वो बचकर निकल जाते हैं।

जैन ने लिखा  हो सकता है कि अब आप मुझे हटाकर किसी कार्यालय से सम्बद्ध कर अपने किसी ख़ास को मेरी जगह नियुक्त कर मुझे फंसा दें।

ए. के. जैन ने लिखा कि संजीव सरन पहले अफसर को चेतावनी देते हैं फिर अफसर आपसे सचिवालय में आकर मिलता है।

नीचे के अफसर चेतावनी निरस्त करने की पत्रावली आपको भेजते हैं और आप उसकी संस्तुति दे देते हैं। इस तरह से आपका तंत्र काम करता है और जो मंत्री जनता के बीच से चुन कर आया है उसे कुछ पता ही नहीं चलता है।

ए. के. जैन ने लिखा सरन ने नॉएडा अथॉरिटी में सीईओ के पद पर रहते 4721 करोड़ के गबन किया।

 

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