UP BJP प्रमुख ने सहयोगी दल के नेता को कहा ‘चोर’, फिर नाराज़ हुई राजभर की पार्टी

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी, यानी BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर सहयोगी दलों को ‘मनाने’ की तमाम कोशिशों के कुछ ही दिन बाद उत्तर प्रदेश में पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (S-BSP) के बीच नई समस्या पैदा हो गई है. संसद के निचले सदन लोकसभा में सबसे ज़्यादा प्रतिनिधि भेजने वाले राज्य कीBJP इकाई के प्रमुख महेंद्रनाथ पांडे ने S-BSP नेता कैलाश सोनकर को सार्वजनिक रूप से ‘चोर’ की संज्ञा दे डाली है, और गुस्साए सोनकर ने उन्हें अदालत तक ले जाने की चेतावनी दी है.

वाराणसी के निकट कैलाश सोनकर के विधानसभा क्षेत्र अजघरा में मंगलवार को केंद्रीय परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए महेंद्रनाथ पांडे ने कहा कि विधायक का नाम शिलान्यास के समय लगाए गए पत्थर पर नहीं लिखवाया जा सकता, क्योंकि ‘वह चोर निकले…’

उन्होंने कहा, “मैं साफ-साफ कहता हूं… मुझे बताया गया है कि वह (कैलाश सोनकर) गरीबों को लूटते रहे हैं… लोग ही उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं… हम चुने हुए प्रतिनिधियों के किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे…”

S-BSP के साथ BJP के ताल्लुकात पिछले कुछ महीनों से लगातार खटास-भरे चल रहे हैं. मार्च में राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले S-BSP प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की थी, और कहा था कि वह प्रशासन से जुड़े मामलों में सहयोगी दलों से सलाह-मशविरा नहीं करते हैं. ओमप्रकाश राजभर ने BJP को धमकाया भी था कि उनकी पार्टी के चार विधायक राज्यसभा चुनाव में BJP के प्रत्याशी के लिए वोट नहीं करेंगे.

आखिरकार, BJP प्रमुख अमित शाह को ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात कर उन्हें मनाना पड़ा था.

हाल ही में BJP के कई सहयोगियों ने मिलते-जुलते तेवर दिखाए हैं. पंजाब में सहयोगी शिरोमणि अकाली दल तथा बिहार के मुख्यमंत्री तथा JDU नेता नीतीश कुमार ने भी संकेत दिए हैं कि वे बेहतर व्यवहार की आशा करते हैं. महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना कह चुकी है कि वह 2019 के आम चुनाव में NDA का हिस्सा नहीं रहेगी, और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा TDP नेता चंद्रबाबू नायडू पहले ही गठबंधन से अलग हो चुके हैं.

इन सभी बयानों के अलावा हालिया उपचुनावों में भी करारी हार मिलने के बाद BJP प्रमुख अमित शाह को क्षेत्रीय सहयोगियों के पास उन्हें मनाने के लिए जाना पड़ा, ताकि अगले लोकसभा चुनाव में गठजोड़ को कायम रखा जा सके.

हाल ही में विपक्ष ने जो एकजुटता दिखाई है, उसके चलते उत्तर प्रदेश में गठबंधन का बने रहना खासतौर से अहम है. हालिया उपचुनाव में BJP ने कैराना और नूरपुर लोकसभा सीटों पर हार का सामना किया. इससे पहले मार्च में भी BJP ने राज्य में दो अहम संसदीय क्षेत्र – गोरखपुर और फूलपुर – विपक्ष की एकजुटता के चलते गंवा दिए थे.

पिछले साल अगस्त में केशवप्रसाद मौर्य के स्थान पर महेंद्रनाथ पांडे को राज्य इकाई का भार सौंपा गया था. पार्टी सूत्रों का कहना था कि केंद्रीय नेतृत्व ने ब्राह्मण वोटों को वापस पाने के लिए यह कदम उठाया था, क्योंकि एक ठाकुर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ब्राह्मण ठगा-सा महसूस कर रहे थे.

इस बीच, उद्घाटन समारोह से दूर रहे कैलाश सोनकर का कहना है, “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि उन्होंने मेरे खिलाफ ऐसे शब्दों का प्रयोग क्यों किया… मैं कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा हूं, और सुनिश्चित करूंगा कि मेरे नाम पर इस तरह कीचड़ न उछाला जा सके…”

 

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