आगरा में शहीद दरोगा प्रशांत यादव को दी गई अंतिम विदाई, नम आंखों से पुलिस अधिकारियों ने दिया अर्थी को कंधा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) जिले में बुधवार शाम को खंदौली के गांव नहर्रा में यूपी पुलिस (UP Police) के एक दरोगा प्रशांत कुमार यादव (SI Prashant Kumar Yadav) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) जिले में बुधवार शाम को खंदौली के गांव नहर्रा में यूपी पुलिस (UP Police) के एक दरोगा प्रशांत कुमार यादव (SI Prashant Yadav) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आज शहीद दरोगा प्रशांत यादव को पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर आगरा एडीजी रेंज सतीश भारद्वाज ने नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान एडीजी जोन राजीव कृष्ण, आईजी ए सतीश गणेश और एसएसपी बबलू कुमार सहित जिले के एसपी, सीओ सहित अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मचारी व शहीद के परिवार के लोग मौजूद रहे। पुलिस अधिकारियों ने अर्थी को कंधा दिया।

 

2015 में प्रशांत बने थे दरोगा

आपको बता दें कि बुलंदशहर के छतारी के रहने वाले प्रशांत कुमार यादव (Prashant Yadav) पुलिस विभाग में साल 2005 में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। साल 2015 में दरोगा की सीधी भर्ती की परीक्षा पास कर प्रशांत कुमार यादव सीधे दरोगा बन गए थे। हालांकि, प्रशिक्षण के दौरान भर्ती पर स्टे लगने के कारण उन्हें 8 महीने तक घर पर रहना पड़ा, लेकिन वो साथियों के संपर्क में रहते थे। उन्होंने सभी को प्रतीक्षा रखने के लिए कहा था। प्रशांत कुमार यादव और उनके बैच के 150 दरोगा को अगस्त 2017 में आगरा में पहली तैनाती मिली थी। प्रशांत कुछ समय पहले थाना हरीपर्वत में तैनात थे। इसके बाद उन्हें पालीवाल चौकी प्रभारी बनाया गया था और फिर उनका तबादला खंदौली हो गया था। आगरा में तैनाती मिलने के बाद वह आवास विकास कालोनी में किराये पर रह रहे थे।

 

घर पर टूटा दुखों का पहाड़

प्रशांत कुमार यादव (Prashant Yadav) के शहीद होने से दो घरों के चूल्हें बुझ गए। उनके घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। प्रशांत के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रशांत के पिता रमेश यादव का ट्रांसपोर्ट का काम था। प्रशांत जब आठ साल के थे, तब पिता की 2008 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसके एक साल बाद ही प्रशांत के चाचा जय सिंह की हार्ट अटैक से मौत हुई थी। प्रशांत यादव अपने पूरे परिवार में इकलौते बेटे थे। प्रशांत पर मां गायत्री और बहन अलका की जिम्मेदारी थी। प्रशांत की शादी रेनू से हुई थी और उनके बेटे का नाम पार्थ है, जो चार साल का है। 2009 के बाद से ही प्रशांत अकेले ही दो परिवारों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अपने चाचा के घर का पूरा खर्चा भी प्रशांत के ही कंधों पर था। प्रशांत के चाचा के तीन बेटियां हैं, जिनकी अभी शादी होना बाकी है।

 

योगी सरकार से परिवार की मांग…

हालांकि, यूपी की योगी सरकार ने शहीद प्रशांत यादव (Prashant Yadav) के परिवार वालों को 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। साथ ही जनपद में एक सड़क का नाम भी शहीद दरोगा के नाम किये जाने की घोषणा की है। लेकिन प्रशांत की चाची का कहना है कि अब हमारा परिवार कैसे चलेगा। हमारे पूरे परिवार का चिराग ही बुझ गया। उनकी चाची सरकार से मांग कर रही हैं कि परिवार को एक नौकरी देने से हमारा कोई भला नहीं होगा। उनका कहना है कि सरकार हमारी तरफ विचार करे कि अब हमारे परिवारों का खर्च कैसे चलेगा और साथ ही उन्होंने मांग की है कि जिन लोगों ने मेरे बेटे की हत्या की है, सरकार उन को सख्त से सख्त सजा दे।

पैतृक गांव में शहीद दरोगा को दी गई श्रद्धांजलि

आपको बता दें कि प्रशांत (Prashant Yadav) के परिवार के कुछ लोग आगरा जिले में हैं और कुछ बुलंदशहर में उनके पैतृक कस्बे छतारी में हैं। प्रशांत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच चुका है, जहां जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारीगण/कर्मचारीगण द्वारा उनके पैतृक निवास स्थान पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

 

प्रशांत के साथियों के मुताबिक, सब-इंस्पेक्टर प्रशांत अपने बैच के सभी साथियों में अलग स्वभाव के थे। वे हमेशा शांत रहते थे। वह लोगों के बीच घुलमिलकर समस्या का समाधान करते थे।

दरोगा प्रशांत यादव की गोली मारकर हत्या

दरअसल, आगरा जिले के खंदौली थाना क्षेत्र में एक झगड़े की सूचना पर गांव में गए दरोगा प्रशांत यादव (Prashant Yadav) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव में दो भाइयों के बीच खेत में आलू खुदाई को लेकर झगड़ा हो रहा है। इसी सूचना के बाद खंदौली में तैनात पुलिस दरोगा प्रशांत यादव एक सिपाही के साथ मौके पर पहुंचे थे। वे झगड़ा शांत कराने की कोशिश कर रहे थे। तभी एक पक्ष के आरोपी ने उन्हें गोली मार दी। इस दौरान सिपाही ने भागकर अपनी जान बचाई। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर भारी पुलिस बल के साथ कई आलाधिकारी भी पहुंचे।

हत्यारोपी विश्वनाथ पर 50 हजार का इनाम घोषित

बता दें कि आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने दरोगा प्रशांत कुमार यादव के हत्यारोपी विश्वनाथ पर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। आरोपी की तलाश में पुलिस की 10 टीमें जुटी हैं।

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