बची हुई चायपत्ती का इन 5 तरीकों से करें इस्तेमाल

आमतौर पर चाय बनाने के बाद बची चाय की पत्ती को कूड़ा समझकर फेंक दिया जाता है लेकिन क्या आपको पता हैं कि रोज सुबह जिस चाय को बनाने के बाद उससे निकलने वाली चायपत्ती को हम फेंक देते हैं वह दरअसल कितने काम की चीज है?

आमतौर पर चाय बनाने के बाद बची चाय की पत्ती को कूड़ा समझकर फेंक दिया जाता है लेकिन क्या आपको पता हैं कि रोज सुबह जिस चाय को बनाने के बाद उससे निकलने वाली चायपत्ती को हम फेंक देते हैं वह दरअसल कितने काम की चीज है? चाय की इन पत्तियों में कई गुण (Benefits) होते हैं जो केवल शरीर के लिए ही नहीं कई अन्‍य चीजों में भी काफी फायदेमंद होती है।

-बालों में चमक और दमक के लिए यूज होने वाली चायपत्ती बेहद ही फायदेमंद होती है। यह एक तरह से प्राकृतिक कंडिशनर का काम करती है। चाय की बची हुई पत्तियों को एक बार धो लें और इन्हें दोबारा पानी में उबाल लें। और फिर इस पानी से अपने बालों को साफ करें। नियमित ऐसा करने से बालों में प्राकृतिक चमक आएगी।

-गमले में पौधों को समय-समय पर खाद की जरूरत होती है। ऐसे में आप बची हुई चायपत्ती को साफ कर लें और गमले में डाल दें। इससे आपके पौधे स्वस्थ रहेगें।

-चायपत्ती का एक और फायदा यह है कि आप इससे लकड़ी से बनी हुई चीजों को चमकदार बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। बची हुई चायपत्तियों को दोबारा से पानी में उबाल लें और इसे किसी शीशी या फिर स्प्रे की बोतल में डाल दें। अब इससे लकड़ी से बने सामानों की सफाई करें। इससे शानदार चमक आती है।

-चायपत्ती चोट व घावों को जल्दी ठीक करने और उन्हें भरने का काम करती है। चाय की पत्ती एंटीआक्सीडेंट होती है। यदि आपके घाव या चोट लगी हो, तो उस पर चायपत्ती लगाते ही वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। सबसे पहले आप चायपत्तियों को उबाल लें और इसे चोट के ऊपर लगा दें। या फिर आप चायपत्ती के पानी से चोट और घावों को धो सकते हैं। यह संक्रमण से भी आपको बचाती है।

-आप चायपत्ती का इस्तेमाल काबुली चना बनाने के लिए भी कर सकते हैं। इसके लिए आप चायपत्तियों को सुखा लें और काबुली चना बनाते समय उबलते हुए पानी में चायपत्ती की पोटली को उसमें डाल दें। ऐसा करने से काबुली चनों का रंग अधिक आकर्षक दिखता है।

 

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