विजयादशमी: तो यहाँ लगती है यूपी की सबसे बड़ी ‘रावण मंडी’

पूरे देश में विजयादशमी की धूम शुरु हो गई है वही इस बार का दशहरा कुछ अलग होगा क्योंकि कोरोना महामारी का प्रकोप भी सामने है ऐसे में इस बार मेले में ज्यादा दर्शकों की अनुमति नही है।

पूरे देश में विजयादशमी की धूम शुरु हो गई है वही इस बार का दशहरा कुछ अलग होगा क्योंकि कोरोना महामारी का प्रकोप भी सामने है ऐसे में इस बार मेले में ज्यादा दर्शकों की अनुमति नही है।वही दशहरे को लेकर कानपुर में एक किलोमीटर के एरिये में रावण
मंडी लगती है जहां कानपुर ही नही बल्कि आस पास के कई जिलों से लोग यहां रावण के पुतले खरीदने आते है ।

जहां दशानन के छोटे से लेकर बड़े तक अलग-अलग रूप में रावण के पुतले बिकते है।आप को बता दे कि गोल चौराहे से कोकाकोला चौराहे तक रावण मंडी सजती है जहां झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग रावण बनाने का कार्य पिछ्ले कई वर्षो से करते हुए चले आ रहे है इस मंडी को रावण मंडी भी कहा जाता है ।

यह लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए हर वर्ष विजयदशमी के इंतजार में महीने भर पहले से ही पुतले बनाना का कार्य शुरू कर देते हैं यहां के पुतले केवल कानपुर में ही नहीं बल्कि ऑर्डर पर भी लोग बुक करा कर अन्य जिलों पर ले जाते हैं

कानपुर में रावण की इस मंडी में जो दशहरे के समय हर साल लगती है इस मंडी में 200 रुपये से लेकर ₹20 हज़ार तक के रावण के पुतले बिकते हैं जीटी रोड के किनारे लगी ये रावण मंडी लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बनी रहती है

लोगों की डिमांड के मुताबिक छोटे बड़े साइज के पुतले बनाते हैं

इस मंडी को सजाने और व्यवस्थित करने का कार्य दशहरे से कुछ महीने पूर्व ही शुरू हो जाता है बात की जाए मंडी की तो इस मंडी में 2 फुट से लेकर 40 फुट तक के रावण की पुतलों की मंडी लगाई जाती है पुतला बनाने वाले कारीगरों के माने तो हम सभी 1 महीने पहले से ही दशहरे की तैयारी में जुट जाते हैं और लोगों की डिमांड के मुताबिक छोटे बड़े साइज के पुतले बनाते हैं ।

 

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