WhatsApp की बागडोर अब ‘जकरबर्ग’ के हाथ, क्या भरोसा करेंगे आप?

नई दिल्ली। WhatsApp एक ऐसा इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप जो भारत में टेस्क्ट मैसेज से ज्यादा यूज किया जाता है. दुनिया भर में इसके 1.5 अरब से भी ज्यादा यूजर्स हैं. इसके पॉपुलर होने की कई वजहें हैं. पहली वजह इसका सिंपल यूजर इंटरफेस होना है और दूसरा इसकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी जिस पर यूजर्स भरोसा करते हैं.

वॉट्सऐप पर लोग क्यों करते हैं भरोसा?

भरोसा इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि जैसे फेसबुक या किसी दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट को हैक किया जा सकता है ऐसा वॉट्सऐप के साथ नहीं है. इतना ही नहीं वॉट्सऐप में एंड टू एंड एनक्रिप्शन भी दी गई है ताकि आपके सिवा कोई दूसरा आपके चैट न पढ़ सके. चाहे वो वॉट्सऐप के मालिक हों या फिर कोई सरकारी एजेंसी.

भारोसा करने की वजह ये भी है की वॉट्सऐप को लॉगइन करने के लिए आपको यूजर आईडी और पासवर्ड की जरूरत नहीं होती है.  

WhatsApp अकाउंट के लिए सिर्फ आपको फोन नबंर की जरूरत है और खास बात ये है कि एक वॉट्सऐप अकाउंट आप दो स्मार्टफोन में चला ही नहीं सकते हैं यह भी इसकी सिक्योरिटी को बढ़ाने में अहम योगदान देता है. फेसबुक मैसेंजर को आप चाहे जितने स्मार्टफोन और कंप्यूटर से ऐक्सेस कर लें कोई समस्या नहीं है.

जिन दो लोगों ने वॉट्सऐप बनाया अब वो इसका हिस्सा नहीं है? क्या अब भी वॉट्सऐप पर भरोसा करेंगे?

ये दोनों लगातार वॉट्सऐप की प्राइवेसी और इस पर विज्ञापन न देने की वकालत करते आए हैं, ताकि फेसबुक इस पर विज्ञापन न दे.. अब ये वॉट्सऐप का हिस्सा नहीं हैं. क्या आप अब भी इस पर भरोसा करेंगे?

अब कमान मार्क जकरबर्ग के हाथों में ही है!

जिन दो शख्स ने वॉट्सऐप बनाया संस्थापक और सह संस्थापक—अब दोनों ही इस इंस्टैंट मैसेजिंग का हिस्सा नहीं रहे. अब इसकी पूरी कमान उस कंपनी के हाथों में हैं जिसपर हाल ही में करोड़ो यूजर्स का डेटा लीक करने का आरोप लगा है. फेसबुक एक ऐसी कंपनी है जिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और इसके सीईओ माफी पर माफी मांगे जा रहे हैं. उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के 200 सवालों के जवाब दे दिए हैं और पॉलिसी में अब बदलाव कर रहे हैं, लेकिन यह भी मान रहे हैं कि इन सब को कंट्रोल करना इतना आसान नहीं है.

वादे बड़े किए गए थे, लेकिन अब उन वादों का क्या होगा ? जकरबर्ग निभाएंगे ब्रिऐन और जेन का वादा?

वॉट्सऐप के फाउंडर जेन कूम ने 2014 में जब कंपनी को फेसबुक के हाथों बेचा था तो उन्होंने अपने यूजर्स का ट्रस्ट न तोड़ने का वादा किया था. उन्होंने विश्वास दिलाया था कि यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा. लेकिन वक्त बीतता गया और फेसबुक का अधिकार वॉट्सऐप पर बढ़ता गया. भले ही वॉट्सऐप के सीईओ जेन कूम ही रहे, लेकिन फिर भी कंपनी फेसबुक की हो चुकी थी और जाहिर है फेसबुक ने इसे खरीदा है तो इससे फायदा ही चाहेगा. और इसी लिए फेसबुक ने वॉट्सऐप की पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए वॉट्सऐप यूजर डेटा फेसबुक के साथ साझा करने का ऐलान कर दिया.

इस बड़े बदलाव के बाद भले ही वॉट्सऐप के सीईओ ने पब्लिक में कुछ नहीं कहा, लेकिन यह यूजर का ट्रस्ट तोड़ने जैसा ही था. हालांकि वॉट्सऐप की प्राइवेसी और भी बढ़ाई गई और इसमें एंड टू एंड एन्क्रिप्शन लाकर इसे और मजबूत किया गया. लेकिन एक बार फिर से खबर आई है कि यूजर डेटा पॉलिसी को लेकर वॉट्सऐप के सीईओ जेन कूम की फेसबुक के साथ अनबन हो गई है. हालांकि जेन कूम ने ऐसा खुद से नहीं कहा है.

WhatsApp के फाउंडर जेन कूम जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं, क्योंकि उन्होंने आप से वादा किया था जो अब टूट रहा है!

जेन कूम ने फेसबुक और वॉट्सऐप से अलविदा कह तो दिया है, लेकिन इससे उनकी जवाबदेही खत्म नहीं हो जाती है. लोगों ने वॉट्सऐप पर भरोसा किया है तो उन्हें अब यह भी बताना होगा कि आखिर क्यों वॉट्सऐप छोड़ रहे हैं. क्योंकि ऐसा उन्होंने खुद वादा किया था. वो ऐसे समय में वॉट्सऐप और फेसबुक छोड़ रहे हैं जब प्राइवेसी को लेकर फेसबुक चारों तरफ से घिरा है और धीरे धीरे फेसबुक के कई लूपहोल सामने आ रहे हैं. ऐसे में भले वो पब्लिक में इसकी वजह न बताएं, लेकिन माना यही जाएगा कि वो इन्हीं वजहों से फेसबुक छोड़ रहे हैं.

वॉट्सऐप के दूसरे फाउंडर ब्रायन ऐक्टन ने तो पहले ही लोगों से फेसबुक डिलीट करने को कहा है और इसकी आलोचना भी की है.  

जेन कूम ने फेसबुक पर अपना गुड बाय संदेश लिखा है. मार्क जकरबर्ग का कॉमेंट दिलचस्प है. उन्होंने कॉमेन्ट जेन कूम को धन्यवाद कहा है और लिखा है कि जेन कूम के वैल्यू हमेशा वॉट्सऐप के साथ रहेंगे. लेकिन क्या है ऐसा है? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

2009 में हुई थी वॉट्सऐप के शुरुआत, फेसबुक के हाथों कंपनी बेच कर अरबपति हो गए दोनों फाउंडर्स!

2009 में जेन कूम और ब्राएन ऐक्टन ने मिलकर वॉट्सऐप तैयार किया. ये दोनों ही पहले याहू में काम करते थे. धीरे धीरे इस मैसेजिंग ऐप ने रफ्तार पकड़ी और सिर्फ 5 साल में हॉ वॉट्सऐप के 500 मिलियन यूजर्स हो गए और फेसबुक ने इसे खरीदने का प्लान बनाया और वॉट्सऐप के दोनों फाउंडर इनकार नहीं कर पाए और अरबपति हो गए. जेन कूम ने फेसबुक के साथ ही रहने का फैसला किया और वो बतौर वॉट्सऐप सीईओ फेसबुक के साथ जुड़ गए. उन्हें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में भी जगह दी गई.  पिछले साल ब्रिऐन ऐक्टन ने कंपनी छोड़ी और अब जेन कूम.

वॉट्सऐप के फाउंडर्स प्राइवेसी पसंद करते हैं/करते थे!

वॉट्सऐप के दोनों को फाउंडर की एक खासियत थी. दोनों ही प्राइवेसी को चाहने वाले थे और वो विज्ञापन मॉडल अपनाना नहीं चाहते थे और यही वजह है की आज आपको वॉट्सऐप में न तो कोई विज्ञापन देखने को मिलते हैं और ना ही वॉट्सऐप हैक होने का खतरा है. दूसरी तरफ फेसबुक है जिसका बिजनेस मॉडल ही विज्ञापन है और प्राइवेसी के मामले में कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड सवालों के घेरे में ही रहा है. ऐसे में एक बात तो साफ थी कि मार्क जकरबर्ग को वॉट्सऐप के लिए विज्ञापन मॉडल लाने में दिक्कत हो रही होगी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब ज्यादा वक्त नहीं है जब शायद आप वॉट्सऐप में भी फेसबुक मैसेंजर जैसे विज्ञापन देखेंगे.

फेसबुक वॉट्सऐप पर भी विज्ञापन वाला मॉडल लाना चाहता है!

कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वॉट्सऐप पर विज्ञापन मॉडल लाने फेसबुक को वॉट्सऐप के दोनों फाउंडर्स पहले से ही मना करते आए हैं. इस बार कुछ ऐसा ही हुआ और ब्रिऐन ऐक्टन के बाद जेन कूम ने कंपनी छोड़ने की तैयारी कर ली है.

इन मुद्दों पर फेसबुक और वॉट्सऐप के अधिकारियों में रहा मदभेद!

वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐनक्रिप्शन पर भी वॉट्सऐप के सीईओ और फेसबुक की राय एक नहीं थी. 2016 में एंड टू एंड एनक्रिप्श वॉट्सऐप के लिए लागू किया गया. यह ऐसा सिक्योरिटी फीचर है जिसके तहत वॉट्सऐप के मालिक तक को किसी यूजर का चैट पढ़ने का अख्तियार नहीं है, क्योंकि ये ऐन्क्रिप्टेड होते हैं और इसे कोई सरकारी एजेंसी भी नहीं डिकोड कर सकती है.

फेसबुक के आला अधिकारी चाहते थे कि बिजनेस के लिए इस टूल को यूज करना आसान बनाना चाहते थे, जबकि वॉट्सऐप के अधिकारियों का मानना था कि ऐसा करने से वॉट्सऐप की एनक्रिप्शन कम होगी.

आगे क्या करेंगे जेन कूम?

फिलहाल उन्होंने अपने आगे के प्लान पर कुछ भी नहीं कहा है. उनके फेसबुक पोस्ट पर फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग ने अपने कॉमेन्ट के आखिर में लिखा है, ‘all the best in your next chapter’. मुमकिन है वो कुछ नया लेकर सामने फिर से वापस आ सकते हैं. फिलहाल  वॉट्सऐप के दूसरे फाउंडर ब्रिऐन ऐक्टन सिक्योर इंस्टैंट मैसेजिंग सिग्नल में निवेश कर रहे हैं.

 

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