आखिर क्यों, कैलाश पर्वत पर नहीं पहुंच पाता है कोई इंसान, सच्चाई आपको भी कर देगी हैरान

कैलाश पर्वत को लेकर लोगों के बीच में तमाम तरह की धारणाएं बनी हुई हैं. तमाम पौराणिक कथाओं से लेकर किस्से-कहानियों में कैलाश पर्वत का जिक्र किया गया है.

कैलाश पर्वत को लेकर लोगों के बीच में तमाम तरह की धारणाएं बनी हुई हैं. तमाम पौराणिक कथाओं से लेकर किस्से-कहानियों में कैलाश पर्वत का जिक्र किया गया है. लेकिन इसकी हकीकत शायद ही किसी को पता हो. कैलाश पर्वत के बारे में कहा जाता है कि, इस पर भगवान शिव(Lord Shiva) आज भी निवास करते हैं जिसकी वजह से यहां पर आजतक कोई भी पहुंच नहीं पाया है. कैलाश पर्वत से करीब 2000 हजार मीटर ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को हजारों लोगों ने फतह कर लिया लेकिन कैलाश पर्वत पर कोई नहीं पहुंच सका. ये आज भी रहस्य बना हुआ है.

कैलाश पर्वत पर किसी के नहीं चढ़ पाने के पीछे कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं. कुछ लोगों का ये मानना है कि भगवान शिव(Lord Shiva) कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं. इसलिए कोई भी जीवित इंसान वहां तक नहीं पहुंच सकता है. मान्यताओं के अनुसार, जिसने कभी कोई पाप न किया हो मरने के बाद केवल वही कैलाश पर्वत को फतह कर सकता है.

ऐसा भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है. चूंकि बिना दिशा के चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना है, इसीलिए कोई भी इंसान आज तक कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाया.

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक इस पर्वत का स्लोप (कोण) 65 डिग्री से भी ज्यादा है. जबकि माउंट एवरेस्ट में यह 40-60 तक है, जो इसकी चढ़ाई को और मुश्किल बनाता है. ये भी एक वजह है कि पर्वतारोही एवरेस्ट पर तो चढ़ जाते हैं, लेकिन कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाते हैं.

कैलाश पर्वत पर चढ़ने की आखिरी कोशिश लगभग 18 साल पहले यानी साल 2001 में की गई थी. उस समय चीन ने स्पेन की एक टीम को कैलाश पर्वत पर चढ़ने की अनुमति दी थी. हालांकि, कैलाश पर्वत की चढ़ाई पर फिलहाल पूरी तरह से रोक लगी हुई है. क्योंकि भारत और तिब्बत समेत दुनियाभर के लोगों का मानना है कि यह पर्वत एक पवित्र स्थान है, इसलिए इस पर किसी को भी चढ़ाई नहीं करने देना चाहिए.

 

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