आखिर क्यों फांसी की सजा के बाद तोड़ दी जाती है पेन की निब

जब भी कभी किसी को जज के द्वारा फांसी की सजा सुनाई जाती है तो उसके बाद जज अपनी कलम तोड़ देते हैं।

जब भी कभी किसी को जज के द्वारा फांसी की सजा सुनाई जाती है तो उसके बाद जज अपनी कलम तोड़ देते हैं। लेकिन क्या आप इसके पीछे कारण जाते हैं। अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों मौत की सजा सुनाने के बाद पेन की निब तोड़ दी जाती है।

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भारत के कानून में सबसे बड़ी सजा फांसी की होती है।फांसी की सजा जघन्य अपराधों के लिए सुनाई जाती है। जज फांसी की सजा सुनाने के बाद इसलिए पेन की निब इस आशा के साथ तोड़ देते हैं ताकि ऐसा अपराध दोबारा न हो। बता दें, किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जब फैसले पर हस्ताक्षर करना होता है। जिसके बाद उस पैन की निब तोड़ दी जाती है जिससे उस अपराधी की मौत लिखी है।

वहीं फांसी की सजा सुनाने के बाद पैन की निब इसलिए भी तोड़ी जाती है, क्योंकि जिस पैन ने अपराधी की मौत लिखी है वह किसी और काम के लिए इस्तेमाल नहीं की जा सके।आपको बता दें, ‘Death Sentence’ किसी भी जघन्य अपराध के मुकदमों के लिए समझौते का अंतिम एक्शन होता है, जिसे किसी भी अन्य प्रक्रिया द्वारा बदला नहीं जा सकता। जब फैसले में पेन से “Death” लिख दिया जाता है, तो इसी क्रम में पेन की निब को तोड़ दिया जाता है, ताकि इंसान के साथ-साथ पेन की भी मौत हो जाए।

 

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