हौसलों और जज़्बों के दम पर एक कांस्टेबल की पत्नी बन गयी आईपीएस

सभी परिस्थितियों के बावजूद अंबिका ने अपने सपनों को कमजोर नहीं होने दिया। उन्होंने सबसे पहले तो 10वीं एक प्राइवेट संस्थान से 10वीं और 12वीं पास की और फिर ग्रेजुएशन पूरी की

किसी ने सही कहा है  -मंजिल उन्हीं को मिलती है
                               जिनके सपनो में जान होती है
                               पंख से कुछ नहीं होता
                               हौसलों से उड़ान होती है

इन पंक्तियों को साकार कर रही हैं IPS अधिकारी एन. अंबिका ने, जिन्होंने साधारण से घर परिवार की रहने वाली होने के बावजूद अपनी परिस्थितियों से लड़ कर उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया।

दो बच्चों की देख भाल की बल्कि अपनी नौकरी भी की

कहा जाता है कि हर सफल आदमी के पीछे महिला का हाथ होता है पर यहाँ इसके उलट हुआ है।  यहाँ IPS अंबिका की सफलता में उनके पति ने कदम से कदम मिला कर साथ दिया। अपनी पत्नी को अफसर बनाने के लिए उन्होंने घर परिवार को संभाला।  ताकि पढाई भली प्रकार से हो सके। उन्होंने न सिर्फ अपने दो बच्चों की देख भाल की बल्कि अपनी नौकरी भी की।

एक तरफ उन्होंने अपने अच्छे पति होने का फ़र्ज़ निभाया तो दूसरी तरफ पत्नी की पढ़ाई में किसी प्रकार का दखल न हो इसलिए उन्होंने घर और बच्चों की भी बखूबी देखभाल की। खुद कांस्टेबल होते हुए उन्होंने अपनी पत्नी को IPS अधिकारी बना दिया। जब अंबिका चेन्नई में रहकर तैयारी कर रही थीं तब उनके पति नौकरी के साथ दोनों बच्चों की देखभाल कर रहे थे। हालांकि, अंबिका के लिए यह सब इतना आसान नहीं था।अंबिका, एक बार नहीं बल्कि तीन बार परीक्षा में फेल हुईं। लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई।

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छोटा सा है हैं आईपीएस अधिकारी एन. अंबिका का परिवार

IPS अधिकारी एन. अंबिका की 14 साल की की उम्र में शादी हो गयी थी। इतना ही नहीं 18 साल की आयु में वे दो बच्चों की माँ बन चुकी थी। उनके पति कांस्टेबल है।

जब अपने कांस्टेबल पति को अधिकारयों को सैल्यूट करते हुए देखा तो ….

एक बार IPS अंबिका अपने पति के साथ परेड देखने गयी थी।  इस दौरान उन्होंने देखा कि उनके पति हर अधिकारी के सामने सैल्यूट कर रहे है।  उन्होंने अपने पति से इसका कारण पूछा …. उन्होंने अपने पति को ऊंची रैंक के अधिकारियों को सैल्यूट करते देखा तो उनसे पूछा कि ऐसा क्यों किया? वह कौन थे? जब पति ने सब बताया और कहा कि आईपीएस बनने के लिए सिविल सर्विसेस एग्जाम देना होता है तो अंबिका ने परीक्षा में बैठने की बात कही।

IPS अंबिका का स्कूल छूट चुका था। वह तो घर गृहस्थी संभाल रही थीं। इन सभी परिस्थितियों के बावजूद अंबिका ने अपने सपनों को कमजोर नहीं होने दिया। उन्होंने सबसे पहले तो 10वीं एक प्राइवेट संस्थान से 10वीं और 12वीं पास की और फिर ग्रेजुएशन पूरी की।

IPS अधिकारी बनने के लिए अंबिका को अभी सिविल सर्विसेस एग्जाम भी देने थे, जिसकी कोचिंग के लिए उन्हें चेन्नई जाना पड़ा। ऐसे में उनके पति अपने ड्यूटी के साथ-साथ दोनों बच्चों की भी देखरेख करते रहे। अंबिका सिविल सर्विसेस एग्जाम में तीन बार फेल हुईं।

पति से आखिरी बार एग्जाम देने की अनुमति मांगी

लगातार तीन बार फेल होने के बाद उनके पति ने IPS अंबिका को वापस घर लौटने के लिए रिक्वेस्ट की। लेकिन अंबिका वापस नहीं लौटीं और अपने पति से आखिरी बार एग्जाम देने की अनुमति मांगी।

पति की इजाजत मिलने के बाद अंबिका ने चौथी बार एग्जाम दिया और साल 2008 में पास होकर आईपीएस ऑफिसर बन गईं। आईपीएस ऑफिसर बनने के बाद अंबिका को महाराष्ट्र में पहली पोस्टिंग मिली. फिलहाल वे मुंबई में डीसीपी की पोस्ट पर कार्यरत हैं, जिन्हें अब लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता है।

 

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