विश्व आद्रभूमि दिवस (वेटलैंड डे) एंव बर्ड फेस्टिवल का हुआ आयोजन

मंगलवार को कतर्निया घाट के इको अवेर्नेस सेंटर पर कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाग एंव विश्व प्रकृति निधि (डब्लू डब्लू एफ) के संयुक्त आयोजन में वेटलैंड डे एंव बर्ड फेस्टिवल के अवसर पर स्कूली छात्र/छात्राओ के लिये बर्ड वाचिंग कार्यक्रम एंव क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

मंगलवार को कतर्निया घाट के इको अवेर्नेस सेंटर पर कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाग एंव विश्व प्रकृति निधि (डब्लू डब्लू एफ) के संयुक्त आयोजन में वेटलैंड डे एंव बर्ड फेस्टिवल के अवसर पर स्कूली छात्र/छात्राओ के लिये बर्ड वाचिंग कार्यक्रम एंव क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय निवासियों , वन अधिकारियों , शिक्षकों , छात्रों , वन्य जीव संरक्षण कार्य मे लगे गैर सरकारी संस्थानों के बीच गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दुधवा टाइगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार पाठक रहे एंव विशेष अतिथि प्रभागीय वनाधिकारी कतरनियाघाट यशवंत रहे।

इस कार्यक्रम में शारदा सहायक परियोजना इंटर कालेज गिरिजापुरी, वनांचल विद्यालय बिछिया एंव बप्पा जी गर्ल्स इंटर कालेज चफरिया के छात्र /छात्राओं एंव शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। सर्वप्रथम प्रातः जंगल सफ़ारी कराते हुए प्रभागीय वनाधिकारी श्री यशवंत के साथ छात्र छात्राओं को गेरुवा नदी के तट , महादेवा ताल एंव बंधा रोड पर विभिन्न पक्षियों का अवलोकन कराया गया।

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गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि दुधवा के फील्ड निदेशक श्री संजय पाठक ने कहा इस बर्ड फेस्टिवल एंव वेटलैंड में छात्र छात्राओं की व्यापक भागीदारी से निश्चित रूप से संरक्षण कार्यक्रम को बल मिलेगा। उन्होंने कहा आज मनुष्य ने अपने लालच वश प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन किया है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है उन्होंने मनुष्यों एंव जानवरो की तुलना में बताया की जानवर या पक्षी कभी संसाधनों को लालचवश जमा करने की प्रवृत्ति नही होती है । श्री संजय पाठक ने छात्र छात्राओं को खाद्य शृंखला एंव प्रोजेक्ट टाइगर के महत्व के बारे में बताया और कहा कि छात्र इस देश के ध्वज वाहक हैं और संरक्षण की जिम्मेदारी उन्ही की है । विशेष अथिति उप निदेशक , बफ़र जोन डॉ अनिल कुमार पटेल ने कहा की कतर्नियाघाट की जैव विविधता को बचाने हेतु हम सबको संकल्प लेना होगा की आने वाले पीढ़ी के लिये तालाबों , झीलों एंव नम भूमि को संरक्षित करना होगा ।

डब्लू डब्लू एफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी श्री दबीर हसन ने कहा कि कतर्निया घाट का एक बड़ा भूभाग जलीय क्षेत्र एंव नम भूमि का प्रतिनिधित्व करता है और उसमे कई दुर्लभ प्रजातियों का वास है इनको संरक्षित करने से जलीय जीव जलीय पक्षियों के संरक्षण के साथ इस वन क्षेत्र में साल भर पानी की कमी नही होती है इसलिये अन्य पशु पक्षियों को वर्ष भर पानी मिलता रहता है । इस जलीय क्षेत्र को बचाने हेतु समाज के सभी वर्गों को सामने आना होगा।

गोष्ठी में सम्बोधन के दौरान क्षेत्रीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट रामकुमार , घूरे प्रसाद मौर्य , एस ओ एस टाइगर बहराइच के अध्यक्ष श्री फ़ैज़ मोहम्मद ,शिक्षक अनुपम श्रीवास्तव एंव छात्र छात्राओ ने वेटलैंड डे एंव पक्षियों के ऊपर प्रकाश डाला ।
क्विज़ प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान सदफ जमील कक्षा 12 , बप्पा जी इंटर कालेज चफरिया, द्वितीय स्थान शारदा सहायक परियोजना इंटर कालेज गिरिजापुरी की शारदा कुमारी कक्षा 12 , तृतीय स्थान बप्पा जी इंटर कालेज के सरवर अली कक्षा 12 एंव सांत्वना पुरस्कार सुश्री वर्षा बाथम कक्षा 9 बापजी इंटर कालेज रहे।जूनियर वर्ग में धान्या रानी कक्षा 6 शारदा सहायक इंटर कालेज गिरिजापुरी , अंश श्रीवास्तव ,कक्षा 8शारदा सहायक इंटर कालेज के द्वितीय स्थान पर , तृतीय स्थान पर नव्या गुप्ता कक्षा 8 वनांचल विद्यालय एंव सांत्वना पुरस्कार आएशा खातून कक्षा 8 वनांचल विद्यालय रहे।

कतर्नियाघाट रेंज के जलीय जीवों की मॉनिटरिंग करने वाले वनकर्मी श्री गुलाम रसूल एंव लक्ष्मण प्रसाद को भी पुरुस्कृत किया गया ।
प्रभागीय वनाधिकारी श्री यशवंत ने सभी अतिथियों एंव प्रतिभागियों का प्रभाग की ओर से आभार प्रकट करते हुए बताया कि कतर्निया घाट में लगभग 15 प्रतिशत वेटलैंड है जो कि अधिकतम 1500 हेक्टेयर तक हैं । उन्होंने बताया कि विश्व वेटलैंड डे आज के ही दिन ईरान के रामसर नामक स्थान पर 1997 से प्रारंभ किया गया था जिसका उद्देश्य जलीय एंव नम भूमि को संरक्षित करते हुए जलीय जैव विविधता को संरक्षित करना है इसी उद्देश्य से जागरूकता लाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । श्री यशवंत ने बताया आज फिशिंग ईगल , स्विफ्ट, करमोरेंट, व्हाइट बरेस्टेड किंगफिशर, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड , पिनटेल , व्हिसलिंग टील, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल , वैगटेल, रॉकेट टेल ड्रॉनगों समेत 45 प्रजातियों की पक्षियों का अवलोकन किया गया।

एस ओ एस टाइगर द्वारा से सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया ।अंत मे सभी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र छात्राओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरुस्कार वितरण किया गया ।कार्यक्रम में उप वन क्षेत्राधिकारी श्री रामकुमार प्रथम , श्री पवन शुक्ला वन दरोगा , इको विकास समिति अध्यक्ष श्री गंगा राम , बलिराम , साज़िद हुसैन शिक्षक, कौसर अली , उप निरीक्षक , चौकी प्रभारी गिरिजापुरी आदि समेत कई ग्रामवासी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के पश्चात टर्टल सरवाइवल एजेंसी संस्था के सहयोग से 7 वयस्क घड़ियालों जो कतर्निया घाट घड़ियाल सेंटर पर इनक्लोजर में रखे गए थे उनको स्नूट कटिंग करके गेरुआ नदी उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया । इस कार्य में टी एस ए संस्था की अरुणिमा सिंह, सुरेशपाल सिंह , सेवा निवृत्त शोध अधिकारी , लक्ष्मण प्रसाद एंव गुलाम रसूल का सहयोग रहा

 

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