पढ़ें कवि गोपालदास नीरज की मशहूर कविताएं और गजलें

मशहूर कवि गोपालदास नीरज नहीं रहे। कई दिनों की लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह फेफड़ों में संक्रमण से जूझ रहे थे। नीरज ने 93 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनके रचना संसार का फलक इतना बड़ा है कि अपने चाहने वालों के दिलों में वे आजीवन जिंदा रहेंगे। पढ़िए उनकी कुछ बेहतरीन कविताएं और गजलें।
मेरा नाम लिया जाएगा
आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा
जहाँ प्रेम का चर्चा होगा, मेरा नाम लिया जाएगा
मान-पत्र मैं नहीं लिख सका, राजभवन के सम्मानों का
मैं तो आशिक़ रहा जन्म से, सुंदरता के दीवानों का
लेकिन था मालूम नहीं ये, केवल इस ग़लती के कारण
सारी उम्र भटकने वाला, मुझको शाप दिया जाएगा
खिलने को तैयार नहीं थी, तुलसी भी जिनके आँगन में
मैंने भर-भर दिए सितारे, उनके मटमैले दामन में
पीड़ा के संग रास रचाया, आँख भरी तो झूम के गाया
जैसे मैं जी लिया किसी से, क्या इस तरह जिया जाएगा
काजल और कटाक्षों पर तो, रीझ रही थी दुनिया सारी
मैंने किंतु बरसने वाली, आँखों की आरती उतारी
रंग उड़ गए सब सतरंगी, तार-तार हर साँस हो गई
फटा हुआ यह कुर्ता अब तो, ज़्यादा नहीं सिया जाएगा
जब भी कोई सपना टूटा, मेरी आँख वहाँ बरसी है
तड़पा हूँ मैं जब भी कोई, मछली पानी को तरसी है
गीत दर्द का पहला बेटा, दुख है उसका खेल-खिलौना
कविता तब मीरा होगी जब, हँसकर ज़हर पिया जाएगा
– गोपालदास “नीरज”
मानव कवि बन जाता है
कारवां गुज़र गया
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिये
तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा
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