अखिलेश ने पूरी की माया को सौंपी 9 विश्वस्त MLA की सूची, अखिलेश के 9 विश्वस्त MLA की सूची में शिवपाल नहीं : सूत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए कल होने वाले राज्यसभा चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. सूबे के मौजूदा विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी के 8 और सपा के एक सदस्य की जीत तय है. बीजेपी के 9वें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल और बीएसपी के इकलौते प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे का मुकाबला है. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा के उन 9 विधायकों की लिस्ट मांगी है, जो प्रथम वरीयता में बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर के लिए वोट करेंगे. मायावती की इस मांग को कुछ ही देर में सपा ने पूरी भी कर दी है. सपा ने 9 विधायकों की लिस्ट बसपा को सौंप दी है, जो वरीयता से भीमराव अंबेडकर के लिए वोट देंगे.

अनिल अग्रवाल बनाम भीमराव अंबेडकर के मुकाबले में जीत के लिए सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष एक-एक वोट का गणित लगा रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में विधायकों की क्रॉस वोटिंग का डर भी है. यही वजह है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी से अपने प्रत्याशी के लिए 9 विश्वस्त विधायकों की सूची जारी करने को कहा है. जो बीएसपी उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के आधार पर वोट करेंगे.

मायावती की ये मांग अगर अखिलेश मानते हैं तो समाजवादी पार्टी की घोषित प्रत्याशी जया बच्चन की जीत में परेशानी हो सकती है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने इकलौते राज्यसभा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को जिताने के लिए आज अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. सूत्रों की मानें तो बीसएपी को पार्टी में सेंधमारी की आशंका है, इसलिए एक-एक विधायक से मायावती खुद मिलेंगी और उनके मूड को समझेंगी.

बीएसपी के जीत का दारोमदार विपक्ष पर

बीएसपी के पास 19 विधायक हैं. इसी तरह से बीएसपी प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर की जीत का सारा दारोमदार विपक्ष के ऊपर निर्भर करता है. जबकि सपा, कांग्रेस और आरएलडी ने बीएसपी उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया है. लेकिन मायावती अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर संतुष्ट होना चाहती हैं इसीलिए उन्होंने सपा के सामने शर्त रखी है.

बसपा का गणित

मायावती अपने विधायकों के साथ सपा और कांग्रेस से उम्मीद लगाए हुए हैं. हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीएसपी उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बुधवार को चाचा शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह को अपनी डिनर पार्टी में बुलाकर अपनी सियासी ताकत का एहसास बीजेपी को करा दिया. रघुराज प्रताप के पास खुद का और एक वोट उनके सहयोगी विनोद सरोज का है. इस तरह उनके पास दो वोट हैं. राज्यसभा के लिए ये दोनों वोट काफी अहम माने जा रहे हैं.

बीजेपी के समीकरण

दरअसल सूबे की सभी पार्टियां अपना-अपना किला बचाने में जुटी हैं. एक राज्यसभा सीट को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत है. बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ 8 राज्यसभा सीटों पर आसानी से जीत जाएगी. इसके बाद 28 वोट अतरिक्त बचते हैं. ऐसे में 9वीं सीट के प्रत्याशी अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए उसे 9 और वोटों की जरूरत पड़ेगी. निर्दलीय और सपा-बसपा के बागी विधायकों के सहारे बीजेपी अपनी जीत की आस लगाए हुए है.

 

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