आंदोलन और दल के बीच एक फासला होता है उसे समझना जरूरी है

CHANCHAL @chanchal.bhu.9

बापू का कार्यकाल नही देखा हूँ, पर पढ़ा बहुत है। दुनिया के और बड़े नेताओं की तरह गांधी जी के पास वो आभामंडल नही था जिससे आम लोग नजदीक न आ सकें । बापू सहज हैं उससे भी बतियाते हैं संवाद कायम करते हैं जो उनके विरोधी भी रहे । डॉ लोहिया का बापू से जो रिश्ता है वो अद्भुत था। डॉ लोहिया बापू के अन्धभक्त नही थे, जम कर बहस करते थे, कांग्रेस कहाँ क्या कर रही है सब खुल कर बतातें थे। बाज दफे तो सरकार की नालायकी और झूठ पर बापू से कहते हैं ये सरकार चलाने के काबिल नही हैं बापू हँस कर कहते हैं – तो तुम लोग चलाओ सरकार ।

ये उद्धरण देने का मतलब इतना भर है कि कांग्रेस की संस्कृति बराबरी के दर्जे से शुरू होती है और कालांतर में बिगड़ कर ‘ यश बॉस ‘ तक आ जाती है । Lohia1लेकिन समाजवादी आंदोलन इसी बराबरी के संवाद पर खड़ा हुआ। याद रखिये हम समाजवादी को पार्टी या दल नही बोल रहे हैं आंदोलन बोल रहे हैं , क्योंकि यह पार्टी बनी ही नही और जब पार्टी होने की तरफ बढ़ी तो विसर्जित हो गई ।

आंदोलन और दल के बीच एक फासला होता है उसे समझना जरूरी है । दल या पार्टी के बनने या अस्तित्व का मंडप दिखाने के लिए ‘ काया ‘ ( संगठन का बड़ा रूप ) को फैलाना पड़ता है और उसके लिए ताल तिकड़म वगैरह का सहारा लेना पड़ सकता है लेकिन ‘ आत्मा ‘ की मजबूती के लिए (उसूल , सिद्धांत वगैरह ) इकला चलो तक जाना पड़ सकता है । और भारत का समाजवाद, दल से खिसक कर आंदोलन बना रहा । संसद से ज्यादा इसकी ताकत सड़क पर रही । उस सड़क पर डॉ लोहिया के बगल मधुजी, राजनायन, जार्ज, जोशी, मृणालजी है तो बटेसर मिसिर और बालू भंगी भी साथ चल रहे हैं यहां राग का अनुपात बराबर है , कोई किसी से कम नही ।

इसके फायदे अनेक रहे जिसमे से पहला फायदा रहा कि कोई भी सरकार एकाधिकार वाद की तरफ नही बढ़ पाई । और नुकसान छोटा सा रहा कि उन्हें सरकार होने की तमीज नही हो पाई । 29 साल (48 से 77) तक समाजवादी आंदोलन है इसके बाद यह दल हो जाता है । इस कार्यकाल या इसके बाद भी एक दिलचस्प खेल साफ साफ दिखता है – समाजवादी जब सड़क पर होता है तो एक होता है और जब सत्ता में जाता है तो टूट जाता है । क्यों यह सत्ता का अर्थ नही जानता । बराबरी की तलाश में सरकार को भस्का देता है । बहरहाल हम जार्ज से शुरू करते हैं ।

(Chanchal BHU के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button