आसाराम कहता था- मेरे 7 करोड़ साधक, पहुंचे सिर्फ 12; पकड़े जाने पर 4 ने कहा, शॉपिंग करने आए थे

जोधपुर। नाबालिग से बलात्कार करने के दोषी आसाराम को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में ही सजा सुनाई. इस दौरान पूरे जोधपुर शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. शहर के सभी प्रवेश द्वार पर चेकिंग प्वॉइंट लगाए गए थे. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित सभी प्रमुख स्टेशनों पर पुलिस की पैनी नजर थी, ताकि आसाराम के समर्थक हंगामा न करे. हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं, आसाराम पर फैसला आने के बाद हालात सामान्य ही रहे.

वैसे आसाराम हमेशा से दावा करता आया है कि उसके देश में करीब 7 करोड़ से ज्यादा समर्थक हैं और इसीलिए स्थानीय पुलिस और प्रशासन को शहर की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम करने की जरूरत पड़ी. सुबह से जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ता गया और आसाराम पर फैसला आया, वैसे-वैसे पुलिस ने राहत की सांस ली क्योंकि आसाराम के समर्थर न के बराबर में पहुंचे. जानकारी के मुताबिक, आसाराम 12 समर्थक पहुंचे थे, उनमें से 8 को पुलिस ने रेलवे स्टेशन से ही वापस भेज दिया और बाकी के 4 को हिरासत में ले लिया गया.

4 समर्थकों ने कहा कि वे शॉपिंग करने आई हैं
जोधपुर में एक दिन पहले से ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद आसाराम के कुछ समर्थक शहर में आ गए. मुख्य रेलवे स्टेशन पर करीब 200 पुलिस और आरपीएफ के जवान तैनात किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए मुस्तैद थे. सुबह करीब 8 से दोपहर 12.30 बजे तक रेलवे पुलिस ने 7 लोगों को हिरासत में लिया. इनमें 4 महिलाएं ग्वालियर से आईं, जबकि 3 पुरुष अलवर व मुंबई से आए.

4 महिलाओं ने पूछताछ में रेलवे पुलिस को बताया कि वे यहां निजी काम से आई हैं, हालांकि उनके पास कोई आईडी कार्ड नहीं था. जिसकी वजह से उन्हें थाना ले जाया गया, लेकिन बाद में वे पुलिस को झांसा देकर निकल गईं. पुलिस ने उन्हें फिर पकड़ा और ट्रेन में बैठाकर रवाना कर दिया.

कोर्ट ने सुनाई है आजीवन कारावास की सजा
स्वयंभू संत आसाराम को एक किशोरी से बलात्कार के मामले में बुधवार (25 अप्रैल) को जोधपुर की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. यह घटना पांच साल पहले उसके आश्रम में हुई थी. एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है, जब देश में किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के अपराध में अदालत ने दोषी करार दिया है. विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में लगाई गई अदालत में आसाराम को बलात्कार का दोषी ठहराया और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई. उसपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

15 अगस्त 2013 को पीड़िता ने लगाया था रेप का आरोप
आसाराम और चार अन्य सहआरोपियों के खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था. पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी.

दो सितंबर 2013 से न्यायिक हिरासत में था आसाराम
आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है. आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है. आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया.

 

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