आज़म बताएं,मोदी को खुदा का खौफ तो, नमाज का समय बदलने में धर्मगुरुओं को किसका खौफ?

लखनऊ । पूर्वोत्तर राज्यो से भाजपा की जीत पचा नही पा रहे अपने को मुस्लिमो के रहनुमा बताने वाले, उत्तर प्रदेश के सपा शासन काल मे मंत्री रहे आज़म खा ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर तज़ कसते समय अपने धर्म  और पाक ख़ुदा की भी नही बख्शा।

पूर्वोत्तर राज्यो में भाजपा की जीत के मौके पर नई दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय से प्रधान मंत्री ने अपने कार्य कर्ताओ को संबोधित करते हुए जैसे ही अपना भाषण शुरू किया, मस्ज़िद से अज़ान की आवाज़ उनके कानो में पड़ी। मोदी ने मुस्लिम धर्म की आस्था के सम्मान में  अज़ान होने तक अपना भाषण बीच मे ही रोक दिया। अज़ान की बात पर वहां एकत्र भाजपा के सभी कार्यकर्ता भी  प्रधान मंत्री के साथ शांति से  खड़े हो गए। सभी धर्मों का सम्मान करने का यह एक अद्वितीय दृश्य था। भाजपा की जीत के आगे मुस्लिम धर्म को अधिक महत्व दिया गया।

स्वयं प्रधान मंत्री ने अज़ान का सम्मान करते हुये भाजपा कार्यकर्ताओ से अज़ान होने तक रुकने को कहा। अज़ान के वक्त  भाषण रोकने को लेकर सदा विवादों में रहने वाले तथा समाचारो की सुर्खियों में अपने आप को बनाये रखने की चाहत रखने वाले आजम खां ने ऐसा बयान दे डाला जिससे वे खुद ही हैंसी के यात्र बन गये।  राजनीति करने में उन्होंने पाक ख़ुदा को भी नही बक्शा। आज़म खा का कहना था कि ख़ुदा के खौफ से नरेंद्र मोदी ने अपना भाषण रोक दिया।

आपको बता दे कि इसके विपरीत भारत मे ही रहने वाले बाकी मुस्लिम धर्मगुरुओं  ने जुमे के दिन होली पड़ने के कारण स्वतः अपनी नमाज़ का समय बदल कर एक सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में अपना अद्वितीय सहयोग दिया। जिसको सभी धर्मों द्वारा प्रशंसा की जा रही है।

देश के सभी हिन्दुओ को इस बात पर गर्व है कि मुस्लिम भाइयों ने यूपी में तनाव फैला रहे नेताओ का ध्यान न रखते हुए भी  भाई चारे और सामाजिक एकता के होली जैसे पर्व को एकसाथ सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाया।  मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा होली खेलने के समय के कारण जुमे की नमाज़ का समय बदल कर इंसानियत जो प्रमाण दिया है,सदैव सराहनीय रहेगा।

स्वंम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के मौके पर जुमे की नमाज का समय बदलने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के सिलसिले में हुई जनसभाओं में कहा कि वह होली के कारण जुमे की नमाज का समय बदलने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं का धन्यवाद करते हैं।  योगी ने कहा कि जुमा साल में 52 बार आता है जबकि होली वर्ष में केवल एक बार आती है ऐसे में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नमाज का समय बदलने का फैसला किया और होली का त्यौहार शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। योगी का यह बड़कपन था कि उन्होंने आज़म खा के बचकाने बयान पर कुछ नही कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता आशंकित थी क्योंकि होली और जुमा एक ही दिन पड़ गये थे। पहले जब इस तरह से दो खास अवसर एक ही दिन पड़ते थे तो दंगे हो जानाआम बात थी। पूर्व के वर्षों में जब लोग मस्जिदों से नमाज के बाद बाहर आते थे और हिन्दू होली खेलते थे तो दंगे हो जाते थे लेकिन इस बार सब कुछ शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। योगी ने पूर्व सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार के समय विशेषकर होली के अवसर पर दंगे आम बात थी…सपा वाले दंगाइयों का सम्मान करते थे।

मोदी पर खुदाका का खौफ़ बताने वाले आज़म खा के सामने अब बहुत ही जटिल प्रश्न खड़ा हो गया है कि जिन मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नमाज़ का समय बदल दिया उन्हें किसका खौफ़ सता रहा था, ख़ुदा का या किसी हिन्दू देवी देवता का ? यधपि इस प्रश्न का उत्तर तो उन्हें कभी नही मिलेगा परन्तु उनके बयान ने यह जरूर प्रमाणित कर दिया है कि वे हिन्दू मुस्लिम एकता के  समर्थक नही है और  मुस्लिमो को भड़काने वाले काम करते है।

आपको याद दिला दी कि पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने भी गन्दी राजनीति करते हुए हमेशा हिन्दुओ के ऊपर  बंदिश लगाने का प्रयास किया है।  मुहर्रम के जुलूस को लेकर लाखो हिन्दुओ की भावनाओ के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्होंने मूर्ति विसर्जन दूसरे दिन करने का तुगलकी फ़रमान जारी कर दिया था। ममता बनर्जी के ऐसे बयान को उच्च न्यायालय द्वारा दरकिनार कर दिया गया था और हिन्दुओ ने निष्ठा पूर्वक अपने नियत समय पर मूर्ति विसर्जन का काम किया था। विद्वानों का मानना है कि ममता बनर्जी के इन तुगलकी फरमानों का असर आगामी चुनाव में दिखाई देंगा।

 

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