कठुआ केस का वायरल टेप, पीड़िता के लिए लड़ रहे कार्यकर्ताओं में फूट

नई दिल्ली। कठुआ में एक मासूम बच्ची से गैंगरेप और उसके बाद उसकी हत्या को लेकर पूरा देश गुस्से में है. धरती की जन्नत से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक लोग पीड़ित परिवार को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब ऐसी कोशिशें भी होने लगी हैं जो न सिर्फ इस आंदोलन के पीछे के प्रमुख चेहरों पर सवाल खड़ा कर रही हैं बल्कि इस आंदोलन के मकसद को भी भटका हुआ दिखा रही हैं.

इन्हीं कोशिशों के तहत कठुआ केस को लेकर एक ऑडियो वायरल हुआ है. 3 मिनट 52 सेकेंड के इस ऑडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि  कठुआ बलात्कार पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर 70 लाख रुपये जुटाए गए लेकिन वो पीड़ित परिवार तक पहुंचे ही नहीं. टेप में पीड़िता के वकील तालिब हुसैन, दीपिका सिंह राजावत और जेएनयू की छात्रनेता शेहला रशीद पर पीड़ित परिवार के लिए जुटाए गए पैसों के गबन का आरोप लगाया गया है.

ऑडियो में क्या बातचीत हो रही है?

ऑडियो में जम्मू निवासी और ऑल इंडिया ट्राइब कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष चौधरी नजाकत खटाना और ‘मजलूम की आवाज’ नाम का एक संगठन चलाने वाले वक़ार भट्टी के बीच 15 अप्रैल को हुई बातचीत दर्ज है.

ऑडियो में नजाकत कहते हैं कि तालिब पीड़ित परिवार के नाम पर दिल्ली से 60-70 लाख रुपये लेकर आया था और वो शेहला रशीद के साथ मिलकर पीड़ित परिवार को भुना रहा है जबकि पीड़िता को न्याय दिलाने की असली लड़ाई वो लोग लड़ रहे हैं. वकार भी कहता है कि उन्होंने बच्ची का फोटो वायरल कराया, जम्मू बंद कराया और कैंडल मार्च निकलवाया लेकिन तालिब, दीपिका और शेहला फायदा उठा रहे हैं.

वकार नजाकत से कहते हैं कि लड़की के परिवार को सच्चाई बताओ और अपने पाले में करो. लड़की का परिवार यदि हमारे पास आया तो हम दस दिन के अंदर लाखों रुपये उनके अकाउंट में डलवा देंगे. वकार दावा करते हैं कि उसने लोगों से चंदा लेकर एक व्यक्ति के अकाउंट में 25 लाख रुपया डलवाया था और वो पांच मिनट वीडियो पर बोलेंगे कि इस फैमली की मदद करो तो लाखों रुपये आ जाएंगे. बातचीत में वकार ये भी कहते हैं कि 24 अप्रैल को एक्टर एजाज खान परिवार से मिलने मुंबई से आ रहे हैं और वो परिवार को सीधे उनसे मदद दिलवाएंगे.

किसने रिकॉर्ड किया ये ऑडियो टेप?

ऑडियो के बारे में जब वकार भट्टी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तालिब से जुड़े कुछ लोगों ने ही उनसे ये सब कहा है कि तालिब बच्ची के नामपर पैसे जुटा रहा है लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिल रहा. वो पीड़िता के लिए लड़ तो रहे हैं लेकिन सारी वाहवाही दीपिका, शेहला और तालिब को मिल रही है. मेरे पास कोई सबूत नहीं है लेकिन यह तो पूछा ही जाना चाहिए तालिब से कि वो जो बार-बार दिल्ली से जम्मू आ-जा रहा है, उसका खर्चा कहां से आ रहा है?’वकार भट्टी ने माना कि उन्होंने ही ये बातचीत रिकॉर्ड की थी और खुद ही इस रिकॉर्डिंग को अपने एक दोस्त को भेजा था.

उधर नज़ाकत खटाना ने वकार की इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि उन्होंने वकार को फोन करके ऐसा कुछ बताया था. उल्टे उन्होंने वकार पर खुद को इस्तेमाल करने का आरोप मढ़ दिया. तालिब पर लगाए गए आरोपों पर उनका कहना था, ‘तालिब और हम साथ-साथ थे. लेकिन वो पिछले कुछ दिन से मेरा फोन नहीं उठाता. मुझे कहीं नहीं बुलाता. मुझसे कुछ पूछता नहीं है. मैं केवल इतना चाहता हूं कि वो मुझे बताए कि वो क्या कर रहा है? दिल्ली में जा रहा है तो क्या कर रहा है? रही पैसों के घपले की बात तो मुझे मेरे लड़कों ने बताया कि उसने इतने पैसे जुटाए हैं इसलिए मैंने ऐसा कहा. हम जमीन पर बच्ची के इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं लेकिन हमें कोई पूछ नहीं रहा है. सब तालिब, शेहला और दीपिका की बात कर रहे हैं जबकि शेहला दिल्ली की हैं. तालिब और दीपिका केवल वकील हैं जबकि मैंने इन हाथों से बच्ची को दफनाया है.’

आरोपों पर क्या है शेहला और तालिब की सफाई?

बकौल शेहला ‘इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. किसी के पास कोई कैश नहीं है. ना तो मेरे पास, ना ही तालिब के पास और ना ही दीपिका के पास. ये लोग ऐसा क्यों कह रहे हैं वो तो यही जानते होंगे लेकिन सच्चाई यह है कि हमने एक क्राउड फंडिंग वेबसाइट www.crowdnewsing.com के जरिए फंड इकट्ठा किया था. शुरू में हमने यह तय किया था कि कोई चार-पांच लाख रुपये इकट्ठे होंगे जिससे कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी लेकिन जब दीपिका ने कह दिया कि वो इस मामले में एक पैसा नहीं लेंगी तो हमने तय किया कि जो भी पैसा आएगा उसे उन्नाव और कठुआ के पीड़ित परिवारों में बराबर-बराबर बांट दिया जाएगा.’

वो आगे बताती हैं, ‘कठुआ मामले के पीड़ित परिवार अपना अकाउंट खुलवा रहे हैं ऐसा मुझे तालिब और दीपिका के मार्फत पता चला है और उन्नाव मामले के पीड़ित परिवार ने पैन कार्ड के लिए अप्लाई किया है. हमने किसी के अकाउंट में कोई पैसा नहीं मंगवाया. अभी तक करीब-करीब 45 लाख रुपये इकट्ठा हुए हैं और सारे के सारे पैसे  www.crowdnewsing.com और उसको सपोर्ट दे रही www.ketto.org के पास ही हैं. अगर किसी को इस बारे में कोई शक हो तो वो वहां से पूरी जानकारी ले सकते हैं.’

शेहला पर दूसरा आरोप यह है कि वो दिल्ली में रहती हैं और काफी बाद में कठुआ मामले से जुड़ी हैं. इस बारे में शेहला कहती हैं, ‘बहुत अजीब है ये सब बताना फिर भी मैं बताती हूं. मैंने फरवरी में सबसे पहले इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट में मैंने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को टैग करके सफाई मांगी थी जिसके बाद से लगातार इस मामले से जुड़ी हुई हूं. मुझे जहां-जहां मौका मिला मैंने इस मामले को उठाया. यहां तक कि मैंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच से भी इस मुद्दे को उठाया था. जो लोग अभी ऐसी-वैसी बात कर रहे हैं वो भी शुरू-शुरू में मुझे फोन करते थे और मामले के साथ जुड़ने के लिए शुक्रिया बोलते थे. अब पता नहीं ये लोग ऐसा क्यों बोल रहे हैं?’

अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बारे में तालिब हुसैन ने कहा कि ये दोनों लोग उस षड्यंत्र का हिस्सा बन गए हैं जिसके तहत बच्ची के न्याय के मामले को तालिब, दीपिका और शेहला की तरफ शिफ्ट करने की कोशिश की जा रही है. जाने-अनजाने ये लोग एक बड़ी साजिश का शिकार हो गए हैं. अगर किसी को लगता है कि मैंने या किसी और ने कोई गबन किया है तो एक अलग जांच करवा लीजिए और अगर उस जांच में एक रुपये की गड़बड़ी की बात भी साबित हो जाएगी तो मैं कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं.’

कठुआ केस को हो रहा नुकसान

जम्मू में आजतक के ब्यूरोचीफ अश्विनी कुमार के मुताबिक यह कहना तो मुश्किल है कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ लेकिन तालिब पढ़ा-लिखा है. उसने इस मामले को शुरू से उठाया है. हमें भी वही लेकर गया था. अब कुछ लोग उसपर आरोप लगा रहे हैं. इस तू-तू, मैं-मैं की वजह से कठुआ मामले को बड़ा नुकसान हो रहा है.

 

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