कठुआ गैंगरेप: कई बार जरूरी मुद्दे पर आप चुप्पी साध लेते हैं, PM मोदी के लिए उमर अब्दुल्ला का ट्वीट
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के कठुआ जिले में आठ वर्षीय बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ने की शुक्रवार (13 अप्रैल) को मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री जी कोई ऐसा दिन नहीं है जब हम आपको ऐसी चीजों पर बोलते हुए सुनते हैं, जो आपके लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आप दूसरों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे पर बिल्कुल चुप्पी साध लेते हैं.’’ खानाबदोश बकरवाल समुदाय की आठ वर्षीय बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या का मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है.
इस साल 10 जनवरी को जम्मू के कठुआ जिले में हीरानगर तहसील के रसाना गांव में बक्करवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण होने के बाद 17 जनवरी को झाड़ियों में उसका शव मिला था. कठुआ के रासना गांव में जनवरी में बाकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाया गया है.
Hon PM sir, there isn’t a day when we don’t hear you speak about things that are important to you yet there are times when you are completely silent about things that are important to others. Please don’t let #Asifa be someone you choose to remain silent about.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 13, 2018
जांच में पता चला है कि बच्ची को अगवा कर एक मंदिर में रखा गया था. उसे नशीली दवा पिलाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया. गांव के बाहर बाकरवाल समुदाय में भय पैदा करने के मकसद से आखिरकार उसकी हत्या कर दी गई. सांजी राम पर प्रमुख साक्ष्य मिटाने के लिए एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही समेत स्थानीय पुलिस को रिश्वत देने का भी आरोप है.
कठुआ केस: बच्ची की पहचान बताने पर मीडिया को हाईकोर्ट ने फटकारा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सामूहिक बलात्कार के बाद मार दी गयी आठ वर्षीय बच्ची की पहचान जाहिर करने के मामले में शुक्रवार (13 अप्रैल) को कई मीडिया हाउसों को नोटिस जारी किए. साथ ही कहा कि आगे से किसी खबर में बच्ची की पहचान जाहिर नहीं की जानी चाहिए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आयी खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए मीडिया हाउसों से जवाब मांगा है कि इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.
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