कर्नाटक में हार की जिम्मेदारी लेकर कांग्रेस नेता एसआर पाटिल ने दिया इस्तीफा, बीजेपी ने साधा निशाना

बंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेकुलर (जेडीएस) गठबंधन की सरकार बनने के चंद दिन बाद अब इस्‍तीफे का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस के नॉर्थ कर्नाटक के कार्यकारी अध्‍यक्ष शिवानगौड़ा रुद्रगौड़ा पाटिल ने हार की नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है.

ANI

@ANI

Congress North Karnataka Working President SR Patil tenders resignation on moral grounds owing to party’s performance in North Karnataka in the recent assembly elections.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार पाटिल ने अपना इस्‍तीफा कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है. लेकिन आलाकमान ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. पाटिल के इस्‍तीफे से विपक्ष में बैठी बीजेपी को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

कर्नाटक बीजेपी ने इस पर ट्वीट कर कहा, ‘जनादेश का मजाक उड़ाकर बनाई गई सरकार का पतन शुरू हो गया है. कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस आर पाटिल ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. सत्‍ता की भूखी सरकार के पतन की यह शुरुआत भर है.’

BJP Karnataka

@BJP4Karnataka

The downfall of the empire that was built after mocking people’s mandate has begun. @INCKarnataka senior leader Sri. S R Patil resigns. This is only the beginning of the downfall of power hungry government.

कर्नाटक में पिछले महीने विधानसभा चुनाव में 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. जबकि सत्ताधारी कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 78 आ गई थी. वहीं जेडीएस-बीएसपी गठबंधन ने 38 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने के लिए नतीजों के बाद आनन-फानन में कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दे दिया था.

राज्यपाल वजूभाई बाला ने बीजेपी के नेता बी एस येदियुरप्पा को पहले सरकार बनाने का न्यौता दिया था लेकिन वो जरूरी आंकड़ों का जुगाड़ नहीं कर सके और विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया.

इसके बाद गवर्नर की ओर से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने का न्यौता मिला. जेडीएस नेता एचडी कुमारस्‍वामी ने गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की सरकार को सही तरीके से चलाने के लिए एक समझौता हुआ है. इसके तहत कर्नाटक में मंत्रालयों के बंटवारे में कांग्रेस को 22 मंत्रालय जबकि जेडीएस के हिस्से 12 मंत्रालय आए हैं.

 

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