कासगंज में तिरंगा यात्रा की अनुमति नहीं, छावनी में तब्दील हुआ शहर

कासगंज। यूपी के कासगंज में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रस्तावित तिरंगा यात्रा को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. पिछले 15 दिनों से कासगंज पुलिस और जिला प्रशासन जिले के अलग-अलग भागों में फ्लैग मार्च कर पुलिस फ़ोर्स को दंगा नियंत्रण उपकरणों का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दे रहा है. पूरे कासगंज को छावनी बना दिया गया है.

कासगंज में 26 जनवरी 2018 को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी. एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया था जिसके बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई थी. उसके बाद 10 दिनों तक कासगंज में हिंसा, आगजनी, पथराव और गोलीबारी का दौर चला था, जिसमे करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. इस बार भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ संगठनों ने कासगंज में तिरंगा यात्रा निकालने की जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है.

किसी को भी अभी तक तिरंगा यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी गई

कासगंज के जिला अधिकारी आरपी सिंह ने कहा कि किसी को भी अभी तक तिरंगा यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी गई है. लोगों को सुरक्षा कवच योजना के तहत जागरूक किया जा रहा है. लोगों से कहा जा रहा है कि अराजक तत्वों पर नज़र रखें. सोशल मीडिया पर नज़र रखी जा रही है जिससे कोई भ्रामक खबर न फैलाए. किसी की भावना को भी ठेस न पहुंचे ऐसी हमारी कोशिश है.

शहर में कवच योजना लागू कर लोगों को जागरूक कर रही है पुलिस

पिछली बार की हिंसा से सबक लेते हुए इस बार प्रसाशन कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता है इसलिए समय रहते पुलिस ने पूरे कासगंज में सुरक्षा कवच योजना लागू की है. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कई बार फुल ड्रेस रिहर्शल भी कर चुकी है.

पुलिस कर्मियों को दिया जा रहा है हर तरह का प्रशिक्षण

पुलिस कर्मियों को हथियार चलाने, आशु गैस छोड़ने, रबर की गोलियां चलाने, दंगा नियंत्रण ड्रिल का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर 2 कंपनी पीएसी और एक कंपनी रेपिड एक्शन फोर्स की मांग की गई है. आस पास के जिलों का फ़ोर्स भी मंगाई जा रही है.

15 अगस्त के साथ-साथ ईद और रक्षा बंधन के त्योहारों पर पैनी नजर
कासगंज जिले में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद भड़के दंगों को देखते हुए इस बार 15 अगस्त 2018 को कासगंज में प्रस्तावित तिरंगा यात्राओं और उसके बाद ईद और रक्षा बंधन के त्योहारों पर पैनी नजर रखी जा रही है.

इन अवसरों को ध्यान में रखते हुए जनपद में पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा ने सुरक्षा कवच योजना लागू की है. जिसके चलते प्रथम चरण में कासगंज में 3 अगस्त को और द्वितीय चरण में कस्बा गंजडुण्डवारा में 10 अगस्त को पुलिस द्वारा फुल ड्रेस रिहर्सल एवं दंगारोधी उपकरणों का अभ्यास किया गया.

संवेदनशीलता के आधार पर पुलिस की मात्रा में वृद्धि की जाएगी

कस्बा गंजडुण्डवारा को 02 जोन में बांटा गया है. जोन प्रभारी क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी को बनाया गया है. सभी जोन में 03-03 सेक्टर (06 सेक्टर) बनाए गए हैं. सेक्टर प्रभारी निरीक्षक स्तर के अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. कस्बा गंजडुण्डवारा में 46 पॉइंट्स बनाए गए हैं. सभी पॉइंट्स पर कम से कम 01 उपनिरीक्षक 02 आरक्षी की ड्यूटी लगाई गई है. संवेदनशीलता के आधार पर पुलिस की मात्रा में वृद्धि की जाएगी.

इसी तरह 15 स्थानों पर छतों पर बाइनाकूलर एवं एलएमजी सहित 15 Hcp 30 आरक्षियों को नियुक्त किया गया है. पूरी रिहर्सल में 15 निरीक्षक, 72 उप निरीक्षक, 31HCP ,170 आरक्षी एवं 1 कम्पनी PAC और होमगार्ड आदि पुलिस बल तैनात किया गया है.

पुलिस अधीक्षक कासगंज गंजडुण्डवारा और सहावर के मध्य जंगल में एण्टी राइट उपकरणों जैसे स्टेन ग्रिनेड, मिर्ची बम, टियर स्मोक बम, एण्टी राइट गन आदि को पुलिस कर्मियों से चलवाकर शस्त्र अभ्यास कराया गया ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने में पुलिस को कोई परेशानी न हो.

मोबाइल-सोशल मीडिया पर भी नजर

इस रिहर्सल का प्रमुख उद्देश्य जनमानस में सुरक्षा का भाव पैदा करना है और ये आश्वस्त कराना है कि पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.शहर की फिजा बिगाड़ने का प्रयास करने वाले अराजकतत्वों को विभिन्न माध्यमों से चिन्हित कराया जा रहा है. मोबाइल-सोशल मीडिया पर साइबर क्राइम और सर्विलांस के माध्यम से नजर रखी जा रही रही है.

 

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