केजरीवाल के समर्थन में कांग्रेस क्यों नहीं? चुप्पी पर ममता बनर्जी ने उठाया सवाल

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे दिल्ली के उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘संवैधानिक संकट’ बताया. इन चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मुद्दे पर बातचीत की.

कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल

लेकिन इस पूरे मामले में कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाने लगे हैं. ममता बनर्जी दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच गतिरोध पर कांग्रेस की भूमिका से हैरान हैं. दरअसल इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पसोपेश में है. अगर पार्टी खुलकर केजरीवाल के समर्थन में आ जाती है तो फिर दिल्ली में उसे नुकसान का अंदेशा है. वहीं अगर पार्टी केजरीवाल की मांग का विरोध करती है तो फिर महागठबंधन की नींव जो रखी जा रही है उसको झटका लग सकता है. ऐसे में कांग्रेस के लिए इस मामले पर चुप्पी ही सबसे बेहतर विकल्प है.अब क्या करेगी कांग्रेस?

लेकिन कांग्रेस की चुप्पी पर अब ममता बनर्जी दबी जुबान सवाल उठा रही हैं. नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी के सामने दिल्ली का मुद्दा उठाने के बाद एक सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस की राजनीति क्या है ये उनसे ही पूछना चाहिए. ममता ने कहा, ‘पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने इसे सुपर पावर का मसला बताया है. मैं उनके इस बयान से सहमत हूं. लेकिन कांग्रेस केजरीवाल के समर्थन में क्यों नहीं खड़ी है, ये वही बता सकते हैं?’ इसके पीछे कांग्रेस की क्या राजनीति है उससे पूछना चाहिए.

महागठबंधन को झटका?

दरअसल 23 मई कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में विपक्ष एकता की नई तस्वीर सामने आई थी. मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस समेत तमाम क्षेत्रीय पार्टियां एक मंच पर नजर आई थीं. लेकिन अब जिस तरह से महागठबंधन के घटक दल अपने-अपने फायदे के लिए अलग-अलग रणनीति बना रहे हैं उससे बीजेपी के खिलाफ एकजुटता की मुहिम को झटका लग रहा है.

केजरीवाल के समर्थन में 4 CM

हालांकि 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समर्थन में आने से AAP गदगद है. पार्टी इसे बड़ी रणनीतिक जीत मान रही है. ममता बनर्जी, चन्द्रबाबू नायडू, पिनारयी विजयन और एचडी कुमारस्वामी ने नीति आयोग की बैठक के इतर इस मुद्दे को उठाया. पीएम मोदी से इस संकट का समाधान निकाले जाने का आग्रह किया ताकि संविधान के संघीय ढांचे को कायम रखा जा सके.LG दफ्तर में धरने पर केजरीवाल

गौरतलब है कि इन चारों मुख्यमंत्रियों को शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात से रोक दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाने की घोषणा की थी. केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्रियों सत्येन्द्र जैन और गोपाल राय गत सोमवार से उपराज्यपाल कार्यालय में धरने पर बैठे हैं. वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मांग कर रहे हैं कि वह आईएएस अधिकारियों को अपनी हड़ताल खत्म करने के निर्देश दें.

 

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