केरल से आने वाले खजूर और आम न खाएं, निपाह वायरस का हो सकता है अटैक
नई दिल्ली। केरल में फैले निपाह वायरस कब कहां पैर पसार ले कुछ कहा नहीं जा सकता है. इसलिए सरकारी एजेंसियां और स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं. केरल से एक्सपोर्ट होने वाले फलों और सब्जियों को कई देशों में बैन किया जा चुका है. वहीं, अब देशभर में भी अलर्ट है कि केरल से आने वाले खजूर और आम को न खाया जाए. फिलहाल, केरल से देशभर में भेजे जाने वाले फलों की जांच की जा रही है. लेकिन, देश के दूसरे इलाकों में इसको लेकर सतर्कता है. निपाह वायरस के चलते लोग फलों को खरीदने से कतरा रहे हैं. वहीं, पिछले सीजन के मुकाबले आम और खजूर की बिक्री में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है.
सीजनल फल पर खतरा
आज का सीजन शुरू हो चुका है. लेकिन, निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए इसकी बिक्री में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. रमजान का महीना और सीजन होने के बावजूद लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं. केरल के कलूर में PJJ फ्रूट्स के मालिक जयसन के मुताबिक, जब से यह खबर आई है कि चमगादड़ के फल खाने से निपाह वायरस फैल सकता है, तब से बिक्री गिर गई है.
खजूर को लेकर भी अलर्ट
आम के अलावा खजूर को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. केरल से देशभर में खजूर की सप्लाई होती है. साथ ही यहां से दूसरे देशों में भी खजूर का एक्सपोर्ट किया जाता है. फिलहाल, खजूर के नमूनों की जांच की जा रही है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि फिलहाल ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, जिससे खजूर की बिक्री पर असर पड़े. सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से इस पर ध्यान दे रहे हैं. माना जा रहा है कि चमगादड़ खजूर पर सबसे ज्यादा बैठता है. इसे धोकर ही खाने में इस्तेमाल करना चाहिए. हालांकि, यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि चमगादड़ ही निपाह वायरस का मूल कारण है.
चमगादड़ खाते हैं ये फल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की रोजाना डाइट में शामिल फलों में आम, अमरूद और चीकू शामिल हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह उनके पसंदीदा फल हैं. केरल में निपाह वायरस फैलने के बाद से फलों की बिक्री पर असर पड़ा है. निपाह वायरस की खबरों के बाद से ही केरल के आम की बिक्री लगभग बंद हो गई है.
ऐसे फल चुनते हैं चमगादड़
त्रिसुर हॉर्टिकल्चर कॉलेज के डीन जॉर्ज थॉमस के मुताबिक, चमगादड़ केवल चुनिंदा फलों को खाते हैं. उन्होंने कहा, “वे जैकफ्रूट पर हमला नहीं करते हैं, लेकिन आम, रामबुतान और सपोट्टा या चिकू पसंद करते हैं, क्योंकि ऐसे फलों का बाहरी हिस्सा काफी नरम होता है.”
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