कोरोनावायरस ने North Korea Dictator Kim Jong Un के कई काले धंधों पर भी लगा दी रोक

नॉर्थ कोरिया। कोरोनावायरस ने दुनियाभर के तमाम देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है ये बात किसी से छिपा नहीं रह गई। शायद ही कोई देश हो जहां पर कोरोनावायरस का संक्रमण न पहुंचा हो। कहीं इसका असर अधिक दिखा तो कहीं कम।

मगर एक देश ऐसा है जिसने अभी तक अपने यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का ठीकठाक नंबर नहीं बताया, साथ ही ये भी कहा कि उन्होंने कोरोनावायरस का प्रकोप फैलने से पहले ही दूसरे देशों से आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया था जिससे उनके यहां संक्रमण नहीं फैला, ये देश कोई और नहीं बल्कि नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का नॉर्थ कोरिया है। तानाशाह ने चीन और दूसरे देशों से लगी अपनी सभी सीमाएं बंद कर दी, बीते मार्च माह से अब तक सीमाएं बंद ही है।

अवैध हथियार, नशीले पदार्थों की तस्करी पर लग गई रोक 

नॉर्थ कोरिया अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तमाम तरह के गैरकानूनी काम करता है। छोटे-छोटे देशों को हथियारों का निर्यात करता है। नशीले पदार्थों की तस्करी की जाती है और कई अन्य तरह के अवैध काम है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद, उपभोक्ता वस्तुओं, कच्चे माल, ईंधन और मशीन के पुर्जों की उत्तर-पूर्वी सीमा में तस्करी की जाती है। 870 मील की समुद्री सीमा में नॉर्थ कोरिया के बाजारों और कारखानों में तस्करी होती है। जिनको करके नॉर्थ कोरिया अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहता है।

तानाशाह के परिवार के सदस्य ही इन कामों की देखरेख करते हैं और कोरिया के लिए पैसे जुटाते हैं। इन अवैध तरीकों से जमा किए गए पैसों का इस्तेमाल तानाशाह नए तरह के हथियारों को इजाद करने में लगाता है। कभी हाइड्रोजन बम बनाता है तो कभी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करता है।

आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव 

कोरिया की आय का एक बड़ा हिस्सा चीन के पर्यटकों से है। मगर जब ये पता चला कि चीन कोरोनावायरस का गढ़ है तो कोरिया ने वहां से आने वाले पर्यटकों के लिए अपने देश के रास्ते बंद कर दिए। अभी तक ये रास्ते बंद ही है। जबकि आम दिनों में नॉर्थ कोरिया का एक बड़ा तबका चीन जाता है और वहां से पर्यटकों को नॉर्थ कोरिया लेकर आता है जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। मगर बीते 4 माह से सीमाएं सील हैं ऐसे में आय का साधन पूरी तरह से बंद पड़ा है।

बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण रूका 

नॉर्थ कोरिया हथियारों के मामले में अपने को समृद्ध बनाने के लिए आए दिन कोई न कोई परीक्षण करता रहता है। कोरोना काल के दौरान उसके ये सारे परीक्षण भी रूक गए हैं। बीते तीन माह में नॉर्थ कोरिया कोई नया परीक्षण नहीं कर पाया है। किम जोंग उन ने इस दौरान अपने यहां सिर्फ एक उर्वरक कारखाने का उद्घाटन किया। जानकारों का कहना है कि यदि आम दिन होते तो अब तक नॉर्थ कोरिया ने एक दो परीक्षण कर ही लिए होते। इस तरह के परीक्षणों से किम जोंग उन दुनिया में अपने को मजबूत दिखाना चाहते हैं।

पर्यटन की कमर टूटी   

जब से नॉर्थ कोरिया ने अपनी सीमाएं सील कर दी है उसके बाद से चीन और बाकी देशों से पर्यटकों का आना पूरी तरह से बंद है। इस वजह से भी नॉर्थ कोरिया को नुकसान हुआ है। इसके अलावा उसकी साउथ कोरिया के साथ तनातनी दुनिया जानती है। कब दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हो जाए कोई नहीं जानता। कुछ माह पहले तक ऐसी ही स्थिति पैदा हो गई थी। जिसके अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद शांत कराया जा सका। दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर तैनात हो गई थीं। ऐसा तब हुआ था जब तानाशाह की बहन किम यो जोंग के कहने पर सीमा पर बनाए गए लॉयजन ऑफिस को बम से उड़ा दिया गया था।

1990 में अकाल और फिर 2006 में यूएन के प्रतिबंध के बाद से सुस्ती पड़ी अर्थव्यवस्था 

सियोल, दक्षिण कोरिया में आसन इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज के विश्लेषक गो मायोंग-ह्यून ने कहा कि 1990 के दशक के उत्तरार्ध में अकाल और 2006 के बाद से धीरे-धीरे यूएनएन द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के कारण उत्तर कोरियाई अर्थव्यवस्था दशकों से सुस्त पड़ी है। यूएनएन ने कोरिया पर प्रतिबंध उस समय गया था जब उसने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था। ये अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के नियमों का उल्लंघन था, इस वजह से प्रतिबंध लगाया गया जिससे अब तक नॉर्थ कोरिया उबर नहीं पाया है।

 

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