क्या भाजपा पिछले साढ़े तीन साल से ‘राष्ट्रहित के खिलाफ’ काम कर रही थी: कांग्रेस

नई दिल्ली।  जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने को लेकर कांग्रेस ने आज इन दोनों पार्टियों पर फिर हमला बोला तथा राज्य एवं देश के लोगों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया।पार्टी ने सवाल किया कि अगर इस ‘अनैतिक गठबंधन’ से अलग होने का फैसला भाजपा ने ‘राष्ट्रहित में’ किया है तो क्या पिछले करीब साढ़े तीन साल से वह ‘राष्ट्रहित के खिलाफ’ काम कर रही थी।

कांग्रेस पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और केंद्र सरकार ने ‘कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत’ को खत्म करने का काम किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘मार्च 2015 में भाजपा और पीडीपी के बीच एक अनैतिक गठबंधन हुआ। चुनाव में दोनों ने एक दूसरे को खूब गोलियां दीं। पीडीपी पर कश्मीर के लोगों ने विश्वास किया और जम्मू में भाजपा पर विश्वास किया।”

उमर अब्दुल्ला की ओर से राज्य में मध्यावधि चुनाव की मांग किए जाने पर आजाद ने कहा कि पहले चुनाव के लिए माहौल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पीडीपी ने कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात किया, भाजपा ने जम्मू के लोगों के साथ विश्वासघात किया। केंद्र की सरकार ने राज्य और पूर देश के साथ विश्वासघात किया।’  आजाद ने कहा कि इन लोगों ने जो ‘पाप’ किया है वो इससे मुक्त नहीं हो सकते।

एक सवाल के जवाब में आजाद ने कहा, ‘‘ भाजपा के लोग कह रहे हैं कि इस गठबंधन से अलग होने का फैसला उन्होंने राष्ट्रहित में किया है। इस पर मेरा सवाल यह है कि क्या पिछले साढ़े तीन साल से वे राष्ट्रहित के खिलाफ काम कर रहे थे जब वे पीडीपी के साथ सरकार में थे?’’

आज़ाद ने कहा, ‘ चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने बड़ी बड़ी बातें की थीं। कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत की बात की थी। इन्होंने कश्मीरियत को खत्म किया, इंसानियत को दफन कर दिया। जम्हूरियत को नुकसान पहुंचाया।’ उन्होंने कहा, ‘कभी इतना संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया है। इतने जवान कभी इतने कम समय में नहीं मारे गए। बहुत सारे आम नागरिक मारे गए।…पहले आतंकवादी बनने वाले नौजवान कम पढ़े लिखे होते थे, लेकिन इनके समय बहुत पढ़े लिखे लोग आतंकवादी बन गए। इन्होंने ऐसा माहौल बनाया है।’

उन्होंने दावा किया कि फिर दोनों पार्टियों ने वही राग अलापना शुरू कर दिया जो चुनाव से पहले शुरू किया था। आजाद ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद पिछले 48 महीनों में जम्मू-कश्मीर में 379 जवान शहीद हो गए और 239 आम लोग मारे गए । पाकिस्तान ने तीन हजार से अधिक बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया। आजाद ने सवाल किया, ‘ प्रधानमंत्री कैसे सामान्य स्थिति बहाल करेंगे? पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन और आतंकी हमले कब रुकेंगे? जम्मू-कश्मीर के लोगों के समावेश और प्रगति के लिए आर्थिक रोडमैप क्या है? जम्मू-कश्मीर के युवकों के कट्टरपंथ की गिरफ्त में जाने स रोकने के लिए सरकार का क्या करेगी?’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ राज्य में रोजगार सृजन एवं पर्यटन के प्रचार और बढ़ावा देने के लिए सरकार की क्या योजना है? राज्य के विभिन्न वर्गों का दिल और दिमाग जीतने के लिए मोदी सरकार क्या करेगी? राज्य के सभी तीनों क्षेत्रों- जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में शांति एवं विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की क्या योजना है? ’’ संवाददाता सम्मेलन में पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी मौजूद थे।

अंबिका सोनी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार राज्य में स्थिति को संभालने और सामान्य बनाने में विफल रही है। मीर ने दावा किया कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। इससे पहले कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर से संबंधित कोर समूह की बैठक हुई जिसमें राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई।

 

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