गोंडा के चकसेनिया गांव में ग्रामीणों ने खुद पाया छुट्टा जानवरों से मुक्ति

प्रदेशभर में जहां छुट्टा मवेशी बड़ी समस्या बन चुके हैं। खेत में खड़ी फसलें तबाह हो जा रहीं। किसान बचाव के लिए सरकार और प्रशासन से व्यवस्था की गुहार लगाते फिर रहे हैं।

गोंडा। ‘हिम्मत हारने वाले को कुछ नहीं मिलता, मुश्किलों से लडऩे वाले के कदमों में जहान होता है। यह पंक्तियां हलधरमऊ ब्लॉक के चकसेनिया गांव के लोगों पर सटीक बैठ रही हैं। प्रदेशभर में जहां छुट्टा मवेशी बड़ी समस्या बन चुके हैं। खेत में खड़ी फसलें तबाह हो जा रहीं। किसान बचाव के लिए सरकार और प्रशासन से व्यवस्था की गुहार लगाते फिर रहे हैं। ऐसे में इस गांव के लोग प्रेरणास्रोत बन सकते हैं। कारण इन्होंने सामूहिक प्रयास कर इस बड़ी समस्या से निजात का उपाय खुद ही कर खेत में खड़ी गेहूं व अन्य फसलों की सुरक्षा कर ली है।

ऐसे बनी व्यवस्था : गांव में तीन सौ मकान हैं। यहां कि किसानों के पास करीब सात हजार बीघा खेत है। ज्यादातर क्षेत्रफल में गेहूं की बोआई की गई थी। इसके अलावा गन्ना, सब्जियों आदि की भी खेती हो रही है। खेत में तैयार फसलों पर छुट्टा गोवंशीय पशु गाय, बैल व सांड़ आदि बड़ी समस्या बन चुके हैं। पूर्व प्रधान संजय तिवारी बताते हैं कि चार माह पहले गांव के लोगों की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि छुट्टा जानवरों को पकड़कर बाड़े में कैद किया जाए। उनके लिए चारा, पानी और देखरेख का जिम्मा गांव के श्यामनाथ को सौंपा गया। इस पर आने वाले खर्च के लिए 50 रुपये लेकर सौ रुपये तक चंदा लिया गया।

40 से बढ़कर आठ सौ हो गए मवेशी : शुरुआती दौर में 40 छुट्टा पशुओं को पकड़कर गांव के श्यामनाथ को सौंपा गया था। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती गई। वर्तमान में सार्वजनिक भूमि पर बनाए गए बाड़े में करीब आठ सौ मवेशी कैद हैं। इससे फसलों की सुरक्षा तो हो गई लेकिन अब इतनी बड़ी संख्या में जानवरों को पालने का संकट भी आ गया।

आर्थिक तंगी के चलते बेच दिया खेत : छुट्टा जानवरों की संख्या बढऩे से उनकी देखरेख के लिए मजदूर भी रखने पड़े, चारे का प्रबंध अलग से। ऐसे में ग्रामीणों से मिलने वाली सहायता राशि कम पड़ गयी। श्यामनाथ ने अपने पिता छांगुर को यह समस्या बताई तो उन्होंने बेटे के हिस्से में आने वाली चार बीघा भूमि बेच दी। इससे करीब छह लाख रुपये मिलेंगे। अबतक इस धनराशि से करीब दो लाख रुपये खर्च हो जाने का दावा किया गया है।

वहीं इस समस्या को कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाकर निदान के उपाय किए जाने का आग्रह भी किया है। किसान और किसानों के संगठन लगातार इस गंभीर समस्या के निदान की मांग कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच ग्रामीणों ने खुद की छुट्टा जानवरों से निजात के लिए जो पहल की है वो प्रेरणादायक है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button