गोरखपुर: बीआरडी के चार एनेस्‍थीसिया डाक्‍टरों ने एक साथ इस्‍तीफा दिया, प्राचार्य पर लगाए आरोप

गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में संविदा पर तैनात एनेस्थीसिया के चार डाक्‍टरों ने प्रिंसिपल और सर्जन के व्‍यवहार से क्षुब्‍ध होकर बुधवार को इस्‍तीफा दे दिया. पूर्वी यूपी के साथ नेपाल और बिहार के मरीजों की जिम्‍मेदारी संभाल रहे इकलौते मेडिकल कॉलेज में एनेस्‍थीसिया विभाग में छह में चार डाक्‍टरों के इस्‍तीफा देने से मरीजों के इलाज का संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.

दो एनेस्‍थीसिया डाक्‍टरों के कंधे पर पूरे बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मरीजों की जिम्‍मेदारी आ गई है. ऐसे में ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, आईसीयू जैसी चिकित्‍सीय सेवाएं ठप होने का खतारा उत्‍पन्‍न हो गया है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एनेस्‍थीसिया विभाग में संविदा पर तैनात डा. नरेन्‍द्र देव, डा. प्रियंका, डा. राका रानी और डा. परवेज पर शैक्षणिक गतिविधियों के साथ मेडिकल कॉलेज और प्रशासनिक जिम्‍मेदारी भी रही है.

चारों चिकित्‍सकों का आरोप है कि सर्जन डा. यूसी सिंह द्वारा पिछले कई दिनों से असंवेदनशील व्‍यवहार किया जा रहा था. जब वे इसकी शिकायत लेकर प्रिंसिपल डा. गणेश कुमार के पास गए, तो उन्‍होंने बात नहीं सुनी और चेंबर से भाग जाने का कहा. पिछले कई दिनों से ये प्रकरण चल रहा है.

उन्‍होंने बताया कि वे डाक्‍टर के साथ शिक्षक भी हैं और उनके साथ इस तरह का व्‍यवहार उन्‍हें आहत करने वाला है. ऐसे में चारों डाक्‍टरों ने इस्‍तीफा देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में काम करना बहुत मुश्किल है.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चार एनेस्थीसिया डाक्‍टरों के इस्तीफा देने के बाद अब गंभीर मरीजों के इलाज का संकट खड़ा हो गया है. वर्तमान में सिर्फ एचओडी एनेस्थीसिया डा. शहबाज अहमद और डा. संतोष कुमार शर्मा के कंधे पर बीआरडी की जिम्मेदारी आ गई है.

7 दिन लगातार चलने वाले इमरजेंसी, ट्रामा सेंटर और आईसीयू को दो डॉक्टर्स कैसे संभाल पाएंगे, ये बड़ा सवाल बना हुआ है. इसके पहले एनेस्‍थीसिया विभाग के एचओडी रहे डा. सतीश आक्‍सीजन कांड के बाद से ही सस्‍पेंड चल रहे हैं.

मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, आर्थो, सर्जरी, गायनी, ईएनटी, आईसी, ओटी में ऑपरेशन की जिम्मेदारी है. यहां हर रोज 20 से 25 मरीजों के आपरेशन किए जाते हैं. जिसमें एनेस्थीसिया डॉक्टर की जरूरत पड़ती है. वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में कुल छह एनेस्थीसिया डाक्‍टर कार्य कर रहे थे.

इन पर एमबीबीएस स्टूडेंट की पढ़ाई के साथ मरीजों के इलाज और प्रशासनिक कार्य की भी जिम्मेदारी है. लेकिन, चार एनेस्थीसिया डाक्टर के इस्तीफा देने की वजह से स्थिति बद से बदतर हो सकती है. ऐसे में बिना इलाज के मरीजों की जान जा सकती है.

हालांकि इस मामले में प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने इस्‍तीफा मिलने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि उन्‍हें कोई इस्‍तीफा नहीं मिला है. ऐसे विवाद होते रहते हैं. डाक्‍टर्स बुधवार को सुबह 11.30 बजे मुझसे मिलने आए थे. लेकिन, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन के दौरे के कारण उन्‍हें 3 बजे का समय दिया गया था. उस समय उनसे मिलने कोई डाक्‍टर नहीं आया. उन्‍होंने कहा कि इस मामले के निस्‍तारण के लिए वे एचओडी और विभाग के सभी डाक्‍टरों को बुलाऊंगा और उनके साथ बैठक के बाद इस मामले का निस्‍तारण करूंगा.

 

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