चिंगदाओ पहुंचे PM मोदी, SCO में चीन-PAK की मौजूदगी में आतंक का उठाएंगे मुद्दा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी चीन के चिंगदाओ पहुंच गए हैं. पीएम मोदी यहां होने वाली दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस शिखर सम्मेलन से हिस्सा लेने से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि देश के पूर्ण सदस्य के तौर पर समूह की पहली बैठक में वह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में उज्‍बेकिस्‍तान, चीन और ताजिकिस्तान के प्रतिनिध‍ियों द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. हालांकि पाकिस्‍तान के साथ द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी.

यही नहीं, मोदी आज चिंगदाओ में एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. इस बैठक में दोनों नेता करीब एक महीने पहले वुहान में हुई अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन का जायजा लेंगे.

इंडिया टुडे को एक अध‍िकारी ने बताया कि इस बार भारत का फोकस शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सारे कार्यों और बैठकों में शामिल होने पर रहेगा, क्‍योंकि अबतक भारत सिर्फ एक अवलोकनकारी की भूमिका निभाता आया है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ‘सीमित’ और ‘शिखर वार्ता’ बैठकों का भी हिस्‍सा बनेगा.

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर वार्ता पर चार प्रमुख एजेंडे होते हैं, राजनीतिक, सुरक्षा (आतंकवाद), आर्थ‍िक और सांस्‍कृतिक. भारत की मौजूदगी कनेक्‍ट‍िविटी को बढ़ावा देगी.

यह है कार्यक्रम

9 जून को सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सेक्रेट्री जनरल राशिद अल‍ीमोव से वार्ता करेंगे. इसके बाद वे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल देशों के प्रतिनिध‍ियों जिसमें चीन के शी जिनपिंग, उज्‍बेकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के राष्‍ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेंगे. हालांकि पाकिस्‍तान भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य है, लेकिन उसके साथ द्विपक्षीय बैठक का कोई कार्यक्रम नहीं है.

इसलिए नहीं होगी द्विपक्षीय वार्ता

मोदी शी जिनपिंग द्वारा दिए जाने वाले शाही डिनर का भी हिस्‍सा बनेंगे. अप्रैल में वुहान में मिलने के बाद मोदी एक बार फ‍िर शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं. वहीं पाकिस्‍तान के साथ द्विपक्षीय बैठक इसल‍िए नहीं हो रही है क्‍योंकि वहां जुलाई में आम चुनाव होने हैं और वहां अभी केयरटेकर सरकार है. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन श‍िरकत कर रहे हैं.

आतंकवाद पर फोकस

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार के अनुसार इसबार आतंकवाद के मुद्दे पर ज्‍यादा फोकस रहेगा. इस प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कर आतंकवाद से लड़ाई मुद्दे पर भी बात होगी. इसके साथ रवीश कुमार ने बताया कि भारत ने क्‍यों पाकिस्‍तान में संपन्‍न हुए शंघाई सहयोग संगठन की एक हालिया बैठक में हिस्‍सा लिया था. यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन के रीजनल एंटी टेररि‍स्‍ट स्‍ट्रक्‍चर(RATS) के अंतर्गत हुई थी.  रवीश कुमार ने बताया कि इस बैठक में एक टेक्‍न‍िकल टीम भेजी गई थी और यह हमारा कर्तव्‍य बनता है कि हम बहुपक्षीय बैठकों का ह‍िस्‍सा बने, भले ही वे कहीं भी संपन्‍न हो रहे हों.

शंघाई सहयोग संगठन की स्‍थापना 2001 में हुई थी. वर्तमान में इसके 8 सदस्‍य हैं, जिसमें भारत, चीन, पाकिस्‍तान, रूस, उज्‍बेकिस्‍तान, ताजिकिस्तान, र्किग‍िस्‍तान, कजाकिस्‍तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्‍तान को पिछले साल शामिल किया गया है.

 

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