जिन्ना विवाद के बाद AMU में आरक्षण को लेकर छिड़ी नई बहस, सांसद ने लिखा VC को पत्र

नई दिल्ली/अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(एएमयू) में जिन्ना विवाद के बाद अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर महासंग्राम शुरू हो गया है. मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर खत लिखने वाले सांसद सतीश कुमार गौतम ने एक बार फिर एएमयू वीसी को खत लिखकर पूछा है, ‘उनके लोकसभा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों को प्रवेश में आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है’. उन्होंने सवाल करते हुए पूछा है, ‘एएमयू में वंचित वर्ग को आरक्षण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक क्या कोशिशें की हैं’?

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले कन्नौज में मुस्लिम विश्‍वविद्यालयों में दलितों के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया था. उन्‍होंने कहा कि जो लोग दलितों के लिए चिंतित हैं, उन्‍हें इस मुद्दे को उठाना चाहिए. सीएम योगी ने सवाल किया था कि यदि बीएचयू में दलितों को आरक्षण दिया जा सकता है तो अल्‍पसंख्‍यकों द्वारा संचालित संस्‍थानों में क्‍यों नहीं.?

एससी, एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया मंगलवार (3 जुलाई) को अलीगढ़ पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, इस मसले पर बातचीत के लिए एएमयू के अधिकारियों को भी बुलाया गया है. सर्किट हाउस में वो जिला एवं मंडल के अधिकारियों की मौजूदगी में एएमयू के अधिकारियों से बात करेंगे. आपको बता दें कि डॉ. रामशंकर कठेरिया दो बार आरक्षण एवं अल्पसंख्यक स्वरूप का मामला उठा चुके हैं.

आपको बता दें कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने रविवार को इलाहाबाद में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं, बावजूद इसके इन दोनों में छात्रों को आरक्षण का लाभ न दिए जाने से छात्रों में आक्रोश है. उन्होंने कहा था कि पूरे मामले पर सरकार और आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है. कठेरिया ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट दोनों संस्थानों में एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों को आरक्षण के नियमों के मुताबिक प्रवेश लेने का निर्देश देगा.

 

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